मेरी माँ
मेरी माँ
माँ का रूप सबसे निराला,
इस जननी ने ही हम सबको सँवारा।
प्रथम गुरु वह होती हमारी,
हमारे जीवन को वह एक नई दिशा दिखाती।
हर राह में माँ मैंने आप को पाया,
आप से ही हर समस्या का समाधान पाया।
आप हैं मेरी वह मार्गदर्शक, दोस्त,
जिसने जीवन की हर जटिल राह को आसान बनाया।
बिन आप मेरा जीवन अधूरा,
आप की उपस्थिती करें मेरे जीवन को पूरा।
आप के लिए जितने शब्द कहूँ कम हैं,
क्योंकि माँ तो अपने आप में ही सर्वस्व है।
जब भी मैंने अपने आप को अकेला पाया,
एक तू ही थी जिसे मैंने अपने साथ खड़ा पाया।
तेरे बिना इस जीवन की कल्पना ही अधूरी,
मैं तो होती तुझसे ही पूरी।
तेरी दी हुई हर सीख ने मेरा जीवन सँवारा,
एक तू ही है जिसने मुझे हर भंवर से निकाला।