Manoj Gupta

Inspirational

4.5  

Manoj Gupta

Inspirational

मेरी लेखन यात्रा सन 2021 की

मेरी लेखन यात्रा सन 2021 की

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245


अप्रैल का महीना चल रहा था लगभग 18 अप्रैल चल रहा था सन 2021 का मैं पढ़ने गया उस समय में कक्षा साथ में पढ़ता हां मेरे स्कूल का नाम यूपीएस घोसियार बलरामपुर मैं पढ़ता था आज मैं थोड़ा जल्दी तैयार होकर स्कूल आ गया था पढ़ने क्योंकि 17 अप्रैल को ही मैंने बताया था कि कल हो सकता है कि कोई प्रतियोगिता हो इसलिए तुम लोग जल्दी आ जाना इसीलिए मैं आज जल्दी स्कूल चल दिया था मैं स्कूल पहुंच गया था लगभग 2 घंटे विज्ञान और गणित पड़ा इसके बाद मैंने प्रतियोगिता के बारे में बताया मैंने कहा है कि प्रतियोगिता लेखन का है इसमें एक कहानी अपने मन से लिखने में किसी भी विषय पर स्कूल में कई बच्चे थे जिसमें एक में भी था सभी कहानी लिखने लगे जिसके मन में जो आया उसने वही लिखा मेरे मन में भी एक कहानी आई और मैंने भी उसे गढ़ कर लिख दिया फिर 1 घंटे बाद में नहीं सब की कहानी चेक किया जिसमें केवल दो कहानी सिलेक्ट किया गया मैंने कहा बस यही दो कहानी है जो प्रतियोगिता के भेजने लायक है और कोई भी कहानी ऐसा नहीं जो प्रतियोगिता में भेजने के लायक है मैंने भी जो कहानी लिखी थी वह भी प्रतियोगिता में भेजने के लायक नहीं थी मैं बहुत उदास हो गया कि मेरी कहानी सेलेक्ट क्यों नहीं हुई मेरी उदासी मेरे मैन से देखा ना गया और फिर कुछ देर बाद उन्होंने मेरी उदासी का कारण पूछा मैंने साफ-साफ अपने मन से बता दिया कि मेरी उदासी का कारण यह कहानी है तब मैंने पहले तो हमें अकेले में बताया फिर कमरे में ले जाकर कहा बेंच पर बैठो मैं बेंच पर बैठ गया तब मैंने हमें बहुत सी अच्छी अच्छी और मनोबल बढ़ाने वाली बातें बताइए जिसमें मुझे दो बातें बहुत ही ज्यादा पसंद आई।

पहले तो यह की हमें हमेशा कोशिश करती रहनी चाहिए कोशिश कर हल निकलेगा आज नहीं तो कल निकलेगा पहली बात तो यह मुझे बहुत ही ज्यादा पसंद आ गई और दूसरी बात यह मेरी मैम ने बताया कि जैसे कि साइकिल के पहिए में तीली घूमती रहती है वैसे ही विद्यार्थियों के जीवन में भी सफलता और असफलता पहिए की तीलियों की तरह घूमती रहती है और आती रहती है यह दोनों बहुत मेरे मन को छू गई मेरे दिल को छू गई और तभी समय ने ठान लिया कि आज से मैं कहानी ही लिखना शुरु कर दूंगा और फिर क्या था मैंने 12 कहानियां और भी लिखें और मैम को दिखाया लेकिन मैंने कहा बेटा कोशिश तो अच्छी है अभी पर कहानी है अभी तुम्हारा बन नहीं रहा है इधर 20 अप्रैल आ गया था और 20 अप्रैल से फिर 1 महीने 10 दिन का छुट्टी हो गया था मेम ने मुझसे कहा था कि 1 महीने 10 दिन का समय है तुम कहानियां लिखते रहना फिर मैं रोज कोशिश करता रहा और ऐसे ही कोशिश करते करते 1 महीने 10 दिन का समय भी बीत गया और मैंने लगभग 10 कहानियां लिख डाली फिर जब इसको लगा जून में तो मैंने मैम को दिखाओ मैंने कहा बेटा कोशिश तो अच्छी है परंतु अब भी थोड़ा बहुत गड़बड़ हो रहा है फिर मैं धीरे-धीरे कहानियां लिखता गया और 1 महीने पैसे ही बीत गए लेकिन जब मैंने इस बार मैम को दिखाया तो मैंने कहा हां बेटा अब तुम कहानियां लिखने लगे हो तुम्हारी कहानियां अच्छी भी लगने लगी है इस दिन तो मुझे खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा और तभी से मैंने और भी ज्यादा खुश रहकर कहानियां लिखना शुरु कर दिया समय बीतते गए और मेरी कहानी दिखा रहा था गया और ऐसे ही नवंबर महीने तक मेरी कहानियां बहुत ही अच्छी अच्छी हो गई आज मैं लगभग 70 कहानियां लिख चुका हूं लेकिन इसकी जड़ है मेरी मैम मेरी मैम की वही दो

बातें अभी भी याद है पहला तो कोशिश और दूसरा असफलता और सफलता के बारे में अगर आज मै 70 से भी ज्यादा कहानियां लिख चुका हूं तू इसकी कारण ही मेरी मैम मेरी मैम का नाम श्रीमती श्रुति श्रीवास्तव है ऐसी सन 2021 का महीना बीत गया और मुझे पता ही नहीं चला कि सन 2021 का महीना कितने अच्छे से बीत गया।


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