मेरे पापा

मेरे पापा

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मेरे पापा,

आप मुझे बहुत याद आते हो, माँ को भी। माँ कहती थी आखिरी बार जब आपने मुझे देखा था, तब मैं सिर्फ 4 साल की ही थी। अब मैं बड़ी हो गयी हूँ स्कूल भी जा रही हूँ। माँ मेरी दो चोटी बनाती है और वही मुझे स्कूल छोड़ने भी आती है। अब मैं माँ को परेशान नहीं करती, बड़ी हो गयी हूँ न। माँ जो भी बनाती है चुपचाप अपने हाथ से खा लेती हूँ। जब भी माँ मेरी दो चोटी बनाती रहती है आप की बहुत सारे बातें सुनाती है। आपका मेरे लिए रातों को जागते रहना, मुझे गोद में लेकर चांदनी रात में परियों के कहानी सुनाना, मुझे तो सिर्फ हलकी सी याद है लेकिन माँ की बातों में मैं रोज़ आप को सुनती रहती हूँ।

 

आपको यहां से गये चार साल हो गये हैं पर मैं अपनी माँ की आँखों में रोज़ आपको देखती हूँ। जब भी वह मुझे गोद में लेकर खिलाती है आप की ही बात करती है। जैसे की उसी दिन ही जिंदगी कहीं ठहर गयी हो, जिस दिन आप हमें छोड़ कर गए थे। मैं तो फिर भी कभी नाराज़ हो जाती हूँ की आप हमें यहां अकेले छोड़ गए, लेकिन माँ तो ये भी नहीं समझती की आप हमसे दूर हैं। वो तो सारा दिन आप ही से बात करती रहती है। 

 

पापा इस महीने मेरा जन्म दिन है याद है न? मेरे दोस्तों ने बताया है की आप को पाकिस्तानियों ने कैद कर लिया है। आप कभी नहीं आओगे। लेकिन पापा मुझे यकीं है आप आओगे। मैं इस साल मेरी जन्म दिवस पर माँ को आपका तोहफा मैं दूंगी। बहुत दुःख सहा है माँ ने। पहले तो माँ मुझे सुलाने के बाद तकिए पर रो भी लेती थी लेती।

 

माँ कहती है देश की सीमा पर आप जवानों से खूब लड़ते हैं, मैने टीवी पर भी देखा है। पर आप कभी नहीं दिखे, पर चिंता मत करो पापा, आप खूब लड़ो देश के लिए। हमें आप पर गर्व है पापा। मैं अपनी दोस्तों से जब भी आप का जिक्र करती हूँ वह मेरे हर बात को ध्यान से सुनते हैं। मैं फख्र से सिर ऊंचा कर झंडे को सलाम करती हूँ। लेकिन पापा जब भी माँ की सूखी आंखें देखती हूँ उस आँखों में आप के लिए इंतज़ार दिखता है, ये मुझसे सहा नहीं जाता। 

 

पापा देश के लिए आप जैसे कई जवान हैं न लेकिन हमारे लिए आप एक ही तो हैं। फिर भी आप पर हमें नाज़ हैं। मैं भी बड़ी हो कर आप के जैसे देश के लिए लड़ूंगी। चाहे मेरी जान ही क्यों न चली जाए। पापा आज भी गांव के चौराहे पर माँ आपका रास्ता घंटों निहारती रहती है वही रास्ता जिस पर आप आखिरी बार हमें छोड़ कर गए थे। सरहद से जब भी कोई खबर आती है, माँ दौड़ी चली जाती है, आपकी खैरियत पता करने।

 

पापा, जानते हो आप का वो पुराना घिसा हुआ ड्रेस, माँ आज भी उसे संभाल कर अलमारी में रखे हैं। कभी कबार चुपके से निकालती और गले लगा लेती है। पापा क्या आपको हमारी याद आती है? महीनों हो गए आप का पत्र पा कर। आज भी हम आपका व आपके पत्र का इंतज़ार करते हैं। पता है गली के कोने में रघु चाचा जिसकी राशन का दुकान है, माँ के मना करने के बावजूद वह आज भी रोज़ राशन डाल जाते हैं। हमारी गली मुहल्ले के लोग बहुत इज्जत करते हैं। लेकिन पापा मेरे जन्मदिन में चाहे कितने भी लोग हों, आपकी कमी महसूस होगी न। आप जब तक अपनी गोद में न लोगे तब तक मैं अपनी जन्मदिन नहीं मनाऊँगी।  

पापा, यहां सब बहुत अच्छे लोग हैं। स्कूल जाते वक्त हम जब बाहर निकलते हैं, रिक्शा वाले अंकल हमें अपनी रिक्शा में छोड़ने आते हैं। जब माँ पैसे देती है तो वो कहते हैं जब आप के पापा हमारे लिए सरहद पर लड़ सकते हैं तो क्या हम उनके परिवार के लिए इतना नहीं कर सकते? बहुत अच्छे लोग हैं ना पापा। दादा तो बहुत पहले चल बसे, दादी भी कुछ दिन पहले हमें छोड़ कर चली गयी। माँ बहुत अकेली पड़ गयी हैं। पर आप चिंता न करो आप की शेरनी बेटी है न मामा के पास।

 

आप तो मेरे बेस्ट पापा हो। आप मेरे जन्मदिन पर आओगे ना पापा। मुझे पूरा विश्वास है आप जरूर आओगे। माँ कहती थी पहाड़ों के बीच घुटनों तक की बर्फ में आप की सेना छावनी है, जहां आप रहते हो। आप को हमारी याद आती तो होगी न पापा पर आप हमारा चिंता मत कीजिए हम बहुत खुश हैं अब तो मैं बड़ी हो गयी हूँ ना मैं माँ का ख्याल रखूंगी। पापा आप इस जन्मदिन पर जरूर आना। माँ की आँखों में वो चमक और आनंद देखने का इंतज़ार है मुझे। आप आओगे ना पापा? ढेर सारी पप्पी के साथ आप का इंतज़ार करूँगी। आप की प्यारी मुन्नी।

 

 

 

 

 


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