माया और भक्ति
माया और भक्ति
भगवान के पास दो शक्तियां हैं, दोनो भगवान की है । एक है माया और दूसरी है भक्ति । जब कोई भगवान के समक्ष जाता है , भगवान को प्रणाम करता है तो भगवान उससे पूछते हैं कि "बताओ तुम्हे क्या चाहिए ? माया या भक्ति ?"
भक्त पूछता है - "महाराज ! दोनो में अंतर क्या है ?" भगवान बोले - "देखो दोनो में एक ही अंतर है । अगर तुम्हे नाचना हो तो माया ले जाओ और मुझे नचाना हो तो भक्ति ले जाओ। क्यूंकि जीव जिसके बस में रहे उसका नाम माया और भगवान जिसके बस में हो जाये उसका नाम भक्ति है । भक्ति के राज्य में तो भगवान नृत्य करते है । भगवान के राज्य में तो समस्त संसर नाचता है जबकि भक्ति के राज्य में भगवान नाचते हैं ।"
अतः भगवान को भक्ति कीजिये । भगवान आपके पास हर वक़्त साथ रहेंगे ।