माँ
माँ


माँ आई तो मैं आया
माँ ने ये संसार दिखाया
माँ मेरी एक जन्नत है
ममता की एक मन्नत है
दुःख सारे माँ खुद ही झेले
सुख में भी आराम न झेले
कच्चे बर्तन जैसी माँ
दूध के उब्लन जैसी माँ
चूम के पेशानी बोले माँ
अपनी निशानी बोले माँ
सुबह मेरे स्कूल का बस्ता
पापा के दफ्तर का नास्ता
पहनावा माँ साद़ा पहने
सादा जीवन सादा गहने
चूल्हे पर दिन रात गंवाएं
बच्चों से पर चैन न पाएं
बगीचे की रौनक है माँ
दह्र आपसे रौशन है माँ
पहली मुदर्रिस है मेरी माँ
साईंस रेयाज़ी है मेरी माँ
वक्त पड़े रहबर बन जाए
दुश्मन से लोहा मनवाए
लोड़ी माँ कानों में गाए
जब बचपन में नींद न आए
काम सारे अपने कर जाए
बच्चों के दिल को बहलाए
रब का तोह्फ़ा है मेरी माँ
रब की नेअमत है मेरी माँ।