कुछ रिश्ते अधुरे
कुछ रिश्ते अधुरे
अनिल और संध्या दोनो अपने जीवन में बहुत खुश थे। एक साल पहिले ही दोनो की शादी हुई थी। अनिल एक बडे कंपनी में अच्छे पोस्ट पे था ,और संध्या भी उसी कंपनी में काम कर रही थी। अनिल हमेशा अपने काम में व्यस्त रहता था। अनिल अपने बचपन में बहुतही गरीब लेकिन पढाई में बहुतही होशियार था। कंपनी में भी वो किसीसे ज्यादा बाते नही करता था, वह अपने कामसे काम रखता था। इसलिये आज वो बहुत उंचे मुक्काम पर पहुच गया था। संध्या बहुतही अच्छी, दिखने में एक साधारण लड़की, लेकिन बोलने में बहुत मीठी। जब से संध्या उस कंपनी में लगी, तब से संध्या को अनिल बहुतही अच्छा लगता था.। संध्या जानबुझके अनिल से बात करने जाती थी, अनिल भी संध्या की काम में बहुत मदत करता था। इसी का नतीजा दोनो में अच्छी दोस्ती होने लगी। अनिल कभी कभी हसता था, लेकीन संध्या बहुतही आसानीसे उसे हसाती। एक दिन छुट्टी के दिन संध्या ने अनिल से शॉपिंग चलने को कहा। पहले अनिल तयार नही था, लेकिन संध्या की जिद्द की वजह से वह जाने को राझी हुआ। अनिल को भी बहुत अच्छा लगा, उसने अपने पसंदीदा दोस्त के साथ बहुत अच्छा वक्त बीताया ।
एक हफ्ते के बाद अनिल का जन्मदिन था। संध्या ने ऑफिस में एक सरप्राईझ पार्टी का प्लान रखा। अनिल ने वह पार्टी अपने ऑफिस के लोगो के साथ बहुतही एन्जॉय की। बहुत साल बाद वो अपना जन्मदिन मना रहा था। अनिल पार्टी में बहुत खुश लग रहा था। उस दिन अनिल के चेहरेपे एक अलगही ख़ुशी सबको देखनेको मिली। उसी दिन खुद अनिलने संध्या को डिनर के लिये पूछा। और संध्याने तुरंत अनिलको 'हा' कह दिया। दोनो ने साथ में डिनर किया। उसी दिन संध्याने अपने प्यार का इजहार अनिल से किया। संध्या बहुतही खुश थी। अनिल ने भी संध्या के प्यार का स्वीकार किया, लेकिन प्रिया की यादे अब भी अनिल के दिल में ताजा थी। लेकिन अनिल अपनी आगे की जिंदगी संध्या के साथ बीताने को तयार था। थोडे ही दिन में अनिल संध्या के घरवालों से मिलने गया। दोनो के घर में शादी की बात चालू हुई।और थोडेही दिन में अनिल और संध्या शादी के पवित्र बंधन में बंध गए। अनिल और संध्या दोनो अपने शादीशुदा जिंदगी को लेके बहूत खुश थे ।
संध्याने बहुत बार अनिल से उसके पिछले जिंदगी के बारे में पूछने की कोशिश की, लेकिन दोनो का अच्छा संसार चल रहा हे ये देखने के बाद उसकी अनिल से ये विषय पर बात करने की हिम्मत नही होती थी। एक दिन अनिल और संध्या शॉपिंग मॉल में घूम रहे थे तभी अनिल को प्रिया दिखी, पहले जैसें उसके चेहरेपर आत्मविश्वास दिख नही रहा था। प्रिया ने भी अनिल को देखा तो वो नजरे चुराने लगी। संध्या साथ में थी, इसलिये अनिल उधर से चुपचाप चला गया। अनिल के दिमाग में सवाल आने लगे। प्रिया तो परदेस चली गयी थी। फिरसें प्रिया की याद में अनिल डुबा जा रहा था । इस लिये अनिल ज्यादा से ज्यादा समय संध्या को देने लगा। एक दिन अचानक फेसबुक पर प्रिया का संदेश आया, "अनिल में बहुतही मुश्किल में हू, तुम्हारी मदत मुझे चाहिए। मुझे पता है तुम्हारे जिंदगी में अब मेरा कोई स्थान नही है। में तुम्हारी जिंदगी के बीच कभी नही आयुंगी। प्रिया के इस संदेश से अनिल चक्रा गया, जितना वो उससे दूर जाता ऊतना वो उसके करीब आती। अनिल को कुछ भी समज नही आ रहा था। प्रिया और अनिल दोनो के बीच क्या रिश्ता था? संध्या अनिल के जिंदगी में आने से पहले अनिल बहूत गंभीर और उदास रहता था ।
प्रिया के उस संदेश से अनिल बहुत परेशान हुआ। अनिल के दिमाग में प्रिया का ख्याल आने लगा । इसलिये अनिल संध्या के साथ कुलू मनाली घुमने चला गया।अनिल और संध्या ने मनाली में बहुत मज्जे किये। दोनो बहुत खुश दिख रहे थे। जब दोनो मनाली से वापस लोटे तभी अनिल के माँ से पता चला, की प्रिया उसके घर आके गयी। और उसको कुछ मदत चाहिए थी। इसके लिये प्रिया ने अनिल का फोन नंबर भी मांगा.।अनिल की माँ को सिर्फ इतना पता था की, प्रिया और अनिल के बीच अच्छे दोस्ती के संबंध है। इस बात से संध्या परेशान हुई। फिर अनिल ने संध्या को प्रिया के बारे में सब बताना चाहा।
अनिल और प्रिया की स्कूल से ही अच्छी दोस्ती थी। कॉलेज भी दोनो ने एकसाथ किया। प्रिया एक रईस खानदान की लड़की थी। दिखने में बहुत सुंदर और होशियार थी। लेकिन वह घमेंडी हो ने के कारण उसके ज्यादा दोस्त नही थे.।अनिल बहुतही शांत और गरीब लडका था। दोनो में बचपन से ही अच्छी दोस्ती थी। स्कूल का होमवर्क करते वक्त अनिल प्रिया की मदत करता था। कॉलेज में प्रिया का एक अलग ग्रुप बना। वह नये दोस्तो के साथ पार्टी, घुमने जाती थी, और अनिल को भी साथ चलने को कहती। लेकिन अनिल को ये पार्टी वैगरे ज्यादा पसंद नही थी। एक दिन बडी हिम्मत से अनिल ने प्रिया को मिलने बुलाया। तभी अनिल ने प्रिया से कहा. "तुम मेरी सबसे अच्छी दोस्त हो। हम सब अपनी निजी जिंदगी एक दुसरे के साथ शेअर करते है। तुम मुझसे दूर चली जाओ ये बात मे बिलकुल बर्दाश नही कर सकता। में तुम्हारे प्यार में पागल हो चुका हू। इस बात पे प्रिया जोरसे हसने लगी।"come on, अनिल ये क्या पागलपन है। हम सिर्फ अच्छे दोस्त है। मुझे तुम्हारे लिये वह फीलिंग्स नही आती, जो तुम्हे आती है। में तुमसे प्यार नही करती हू। मेरे कुछ सपने ह।. मुझे जिंदगी में बहुत कुछ हासील करना है। इस बात पर अनिल पुरा टुट सा गया। प्रिया ने अनिल के प्यार का स्वीकार नही किया। अनिल को लगा नही था, इतने जलदी दोनो की दोस्ती टुट जाएगी। ऐसा सपनो में भी अनिल ने देखा नही था। उस दिन के बाद प्रिया ने अनिल से कुछ भी रिश्ता रखने से इन्कार कर दिया। इस बात का अनिल के उपर बहुत प्रभाव पडा। लेकिन प्रिया बहुत खुश थी।
अनिल को इस प्यार भरी जिंदगी से बाहर निकलेने में बहुत वक्त लगा। उस दिन के बाद अनिल ने फिर कभी पीछे मूड के देखा नही। अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के बाद अनिल को एक बडे कंपनी में नोकरी लगी। उसने बहुत मेहनत की। थोडे हि साल में उसको प्रमोशन मिल गया। लेकिन आज भी उसको प्रिया की याद सताति थी। लेकिन अभी भी अनिल को समजा नही की, प्रिया ने उससे मदत क्यू मागीं। ऐसे अचानक से अनिल के जिंदगी में आने से अनिल और संध्या के रिश्ते में दरार पैदा हो सकती है क्या। अनिल कुछ समज नही पा रहा था। प्रिया ने कितनी भी कोशिश कियी तो भी अनिल उसके जाल में फसने वाला नही था। वो अपने काम व्यस्त रहता था। एक दिन ऑफिस में अचानक प्रिया का फोन अनिल के फोन पे आया। अनिल फोन कट करने ही वाला था.।तभी प्रिया बोली," मुझे तुम्हारी मदत चाहिए, मेरी बात सुनो. में तुम्हे कभी परेशान नही करुंगी। ये बात सुनकर अनिल बहुतही परेशान हुआ। लेकिन आखिरकार उसने प्रिया को मिलने को हा कह दिया।अनिल सोच में पड गया। अभी प्रिया को मुझसे क्या मदत चाहिए।
सुबह होते ही अनिल प्रिया से मिलने एक हॉटेल में चला गया। वैसे प्रिया गुलाबी ड्रेस में बहुतही खूबसूरत लग रही थी। प्रिया ने अनिल से कहा। मैने अबतक शादी नही की, तुम जब मेरी दुनिया से चले गये। तभी मुझे तुम्हारी यादे सताने लगी। तुम्हारी यादे मुझे जीने नही दे रही है। मैने आपके साथ प्यार नही करके बहुत बडी गलती की। में अभी मेरी गलती सुधारना चाहती हू। मुझे सिर्फ एक मौका दो।लेकिन शादीशुदा होते हुए अनिल ने प्रिया से कहा। जब मुझे आपकी जरुरत थी। तब आपने मेरे प्यार को ढुकरा दिया। अभी मे किसी और का हो गया हू। ये कह कर अनिल उधर से चुपचाप चला गया।
