किन्नर की प्रेम कथा
किन्नर की प्रेम कथा
अपने माता-पिता का इकलौता बेटा किशोर इंजीनियरिंग कर अपने और परिवार के सपनों को उड़ान देने के लिए गांव से मेट्रो सिटी दिल्ली चला आया। किशोर अपने परिवार का पहला व्यक्ति था जो नौकरी के लिए पहली बार दिल्ली जैसे शहर में आया था। जब किशोर दिल्ली आया तो किशोर के लिए दिल्ली बिल्कुल अजनबी और नया शहर था, जहां उसे कोई भी नहीं जानता था। इस नये और अजनबी शहर में किशोर के सामने जीवन जीने की कई सारी चुनौतियां थी। जिसमें जल्दी से जल्दी नौकरी खोजना किशोर के लिए सबसे प्रमुख चुनौती थी।
दिल्ली पहुंचते ही किशोर ने सबसे पहले अपने रहने का बंदोबस्त किया। जिसके लिए उसने दिल्ली मयूर बिहार में एक छोटा कमरा खोजा और इसके बाद किशोर ने अपने सपनों की उड़ान के लिए नौकरी की तलाश शुरू कर दी। नौकरी की खोज में किशोर को रोज मेट्रो और बसों का सफर करना पड़ता था। इस दौरान किशोर को नोएडा के सेक्टर-15 में एक आईटी कंपनी में जॉब मिल गई है। नौकरी मिलने के बाद किशोर बहुत ही खुश हुआ और उसने नौकरी मिलने की खबर अपने परिवार वालों को दी, तो किशोर के माता पिता ने किशोर को नौकरी मिलने की खुशी को पूरे गांवों के साथ बांटते हुए सभी का मुंह मीठा किया।
नौकरी मिलने के बाद….
अब धीरे-धीरे किशोर की नौकरी वाली जिंदगी शुरू होती है। किशोर रोज दिल्ली से नोएडा मेट्रो से जाता और मेट्रो से आता। इस दौरान किशोर के कई मित्र भी बन गए। धीरे-धीरे किशोर का पहनावा और खान-पान से लेकर बोल चाल सब कुछ बदलने लगा। तभी एक दिन किशोर से नोएडा सेक्टर-15 मेट्रो स्टेशन के बाहर दो किन्नर पैसे मांगते हैं। किशोर ने पैसे देने से इनकार करते हुए उस किन्नरों के साथ गाली गलौच कर गंदा व्यवहार किया। किशोर की गालियों को सुनने और गंदा व्यवहार सहन करने के बाद एक किन्नर अकेली में रोने लगी और लगातार दो-चार दिन रोने के बाद किन्नर ने अपने साथी के साथ मिलकर फिर से भीख मांगना शुरू कर दिया।
अकेली बैठकर रोने वाली किन्नर का नाम रिंकू और उसके साथी का नाम कमला होता है। रिंकू ने कमला के साथ मिलकर किशोर को सबक सिखाने की योजना बनाई। अब दोनों किन्नर रोज सुबह और शाम किशोर को फॉलो कर उसे सबक सीखाने का इंतजार करते। कमला और रिंकू ने किशोर के बारे में उसकी कंपनी का नाम और वह कहां और किसके साथ रहता है सब कुछ पता कर लिया था। बस दोनों एक मौके का इंतजार कर रहे थे।
ऐसे ही कुछ समय बीतने के बाद एक दिन किशोर मेट्रो स्टेशन से बाहर आता है और अपने दफ्तर के लिए ऑटो पकड़ता है। थोड़ी-सी आगे जाने के बाद ऑटो का जोरदार एक्सीडेंट हो जाता है। एक्सीडेंट को देख वहां पर लोगों की भीड़ जमा हो जाती है। भीड़ को देखकर रिंकू और कमला भी अचानक वहां पर पहुंच जाते हैं। जब रिंकू और कमला किशोर को देखते हैं तो वे उसे पहचान लेते हैं।
इतने में रिंकू कमला से कहती है- देख कमला इसे हमारे साथ बुरा व्यवहार और गाली-गलौच करने की सजा मिल गई है।
कमला रिंकू से बोलता है- रिंकू ऐसा नहीं कहते हैं; चल हम दोनों इसकी मदद कर इसे हॉस्पिटल लेकर जाते हैं।
तभी घटना स्थल पर पुलिस आती है और देखती है कि किशोर सहित दो-तीन लोग बुरी तरीके से घायल हैं तो पुलिस ने उन्हें एंबुलेंस बुलाकर अस्पताल भिजवा देती है।
अब रिंकू और कमला सोचने लगे कि वह किशोर की मदद के लिए अस्पताल कैसे पहुंचे और किशोर के घर वालों को उसके एक्सीडेंट के बारे में जानकारी कैसे दें ?
रिंकू और कमला ने योजना बनायी कि वह पुलिस वालों से पूछ कर पता करेंगे कि उन्होंने किशोर और अन्य घायलों को कौन से हॉस्पिटल में भेजा है ? इसके बाद वो हॉस्पिटल में जाकर किशोर की मदद करेंगे और किशोर के घरवालों को इस एक्सीडेंट के बारे में जानकारी देंगे।
रिंकू कमला से कहती है- चल ना छोड़ ! उसने भी तो अपनु के साथ बहुत गंदा व्यवहार किया था। अपनु क्यों करें उसकी मदद और कौन है वो ? अपनु का कोई रिश्तेदार तो नहीं है ना ?
कमला जवाब देते हुए कहता है- रिंकू भले ही वह हमारा कोई रिश्तेदार नहीं है, मगर इंसानियत नाम की भी तो कोई चीज होती है। खैर छोड़ तुझे उसकी सहायता के लिए चलना है या नहीं ?
रिंकू कहती है- ठीक है कमला ! तू कहता है तो मैं मान जाता हूँ।
रिंकू और कमला ने पुलिस वालों से पता कर हॉस्पिटल जाने के लिए ऑटो किया और दोनों ऑटो में बातचीत करते हुए अस्पताल पहुंचे है। अस्पताल को देखकर कमला और रिंकू दोनों आपस में बातचीत करने लगते है।
रिंकू कहती है- हम उसे इतने बड़े अस्पताल में कहाँ खोजेंगे ?
कमला जवाब देता है- रिंकू थोड़ा धैर्य रखो, हम उसकी मदद करने आएं है और उसका हालचाल जानकर ही लौटेंगे।
अस्पताल पहुंचने के कुछ देर बाद दोनों ने रिसेप्शन पर पूछा- मैम यहां पर अभी एक एक्सीडेंट का केस आया है। जिसमें 3 लोग बुरी तरीके से घायल हैं। क्या आप हमें बता सकते हैं उन लोगों को कौन से वार्ड में भर्ती किया गया है ?
रिसेप्शन पर बैठी महिला ने रजिस्टर देखकर बताया- आप लोग जनरल वार्ड के 105 नंबर के कमरे में चले जाइए। उन तीनों को उसी कमरे में भर्ती किया गया है। मगर आप उनमें से किसे जानते हैं और आप उनके क्या लगते हैं ?
कमला रिसेप्शन में बैठी महिला का जवाब देते हुए बोलता है- ओह मैडम! उनमें से एक लड़के का नाम किशोर है जो हमारा दोस्त है और हम उसी का हालचाल जानने के लिए यहां आएं है।
रिसेप्शन में बैठी महिला बोलती है- ठीक है…! आप जा सकते हैं।
जब कमला और रिंकू हॉस्पिटल के जनरल वार्ड के 105 नंबर कमरे में पहुंचते हैं तो किशोर की नजर उन दोनों पर पड़ती है। वह दोनों किशोर के पास आते हैं और किशोर से पूछते हैं- क्या अब आप ठीक हैं ?
किशोर जवाब देते हुए कहता है- हां मैं ठीक हूं, मगर अभी कुछ दिन तक चल नहीं सकता ऐसा डॉक्टर कहते हैं। आप लोग यहां क्यों आए हो ?
रिंकू जवाब देती है- ओह..! मैं तो नहीं आ रही थी, मगर इस कमला ने कहा चल ना उस लड़के की मदद करते हैं। इसलिए मैं इसके साथ यहां आई हूँ।
कमला कहता है- साहब! हम आपका कई दिनों से पीछा कर रहे थे। जब आपने हमारे साथ गंदा व्यवहार किया था, तब हम दोनों ने मिलकर योजना बनाई थी कि हम आपको सबक सिखाएंगे। साहेब..! आप अपने जीवन में सब करना मगर हम जैसे लोगों के साथ गंदा व्यवहार और गाली-गलौच कभी मत करना क्योंकि हमें बहुत दुख होता है।
खैर छोड़िए..! मैं और रिंकू आपकी किस प्रकार से सहायता कर सकते हैं यह बताइए ? आप कहां रहते हैं और आपने अपने घर वालों को इस एक्सीडेंट के बारे में बताया या नहीं ? आपके पास पैसे है या नहीं ?
किशोर जवाब देता है- मैं अपनी उस गलती के लिए माफी चाहता हूं। मैंने आपके साथ बहुत गलत व्यवहार किया था। मैं यहां दिल्ली मयूर बिहार में रहता हूं। वैसे मैं मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला हूँ। मैंने अभी तक अपने घरवालों को नहीं बताया कि मेरा एक्सीडेंट हुआ है। मेरे एक्सीडेंट की खबर सुनकर मेरे घर वाले बहुत ज्यादा परेशान हो जाएंगे, इसलिए मैंने फैसला किया है कि मैं अपने एक्सीडेंट की खबर अपने घरवालों को नहीं बताऊंगा और बाद में धीरे-धीरे बता दूंगा।
कमला कहता है- साहेब आपको अपने घर वालों को खबर करनी चाहिए क्योंकि अभी आप 10-15 दिन नौकरी पर नहीं जा सकते हैं। इसलिए हम आपके घर वालों से बात करके कह देंगे कि हम आपके साथ हैं, जब तक आप ठीक नहीं हो जाते हो।
किशोर कहता है- ठीक है! आप मेरे घर वालों को फोन करके बता दीजिए।
रिंकू और कमला ने फोन करके किशोर के घरवालों को एक्सीडेंट की जानकारी दी और उन्हें समझाया कि हम किशोर के साथ है आप चिंता मत करिए। किशोर जल्दी ही ठीक हो जाएगा।
किशोर के एक्सीडेंट की खबर सुनकर किशोर के परिवार में उदासी छा गई। किशोर की मां रोने लग गई और उसके पिताजी उसकी मां को समझा रहे हैं- कुछ नहीं होता जल्दी किशोर ठीक हो जाएगा। भगवान पर भरोसा रख किशोर के साथ उसके दोस्त लोग है।
एक रात अस्पताल में बीतने के बाद अगले दिन रिंकू और कमला को डॉक्टर ने कहा कि आप किशोर को घर ले जा सकते हैं।
रिंकू और कमला ने टैक्सी बुलाकर किशोर के घर ले जाने का फैसला किया। टैक्सी में एक तरफ कमला ने तो दूसरी तरफ रिंकू ने किशोर को पकड़ा था और किशोर को बीच में बैठाकर उसके कमरे में लेकर आएं।
तीनों किशोर के रूम पर पहुंचे तो देखा रूम बिखरा हुआ है। रिंकू और कमला ने किशोर को चारपाई पर बैठा दिया और बिखरे हुए कमरे को सही करने लगे। तभी किशोर की मकान मालकिन कमरे में आकर कहती है- किशोर क्या हुआ अरे कैसे हुआ यह सब ? और यह दोनों कौन है ? तुम इन दोनों को कैसे जानते हो ?
किशोर जवाब देता है- आंटी बस ऐसे ही ऑफिस जाते वक्त हो गया। दिन खराब था तो हो गया। आंटी यह दोनों मुझे एक दिन मेट्रो स्टेशन के बाहर मिले और मेरे से भीख मांग रहे थे। मैंने इन्हें भीख तो नहीं दी, मगर मैंने इन्हें खूब उल्टा सीधा बोल दिया। इसके बाद से यह दोनों मुझे सबक सिखाने के लिए हर रोज मेरा पीछा करने लगे। जब इन्होंने देखा कि मेरा एक्सीडेंट हुआ है तो तब इन दोनों ने मेरी मदद की। मेरे साथ अस्पताल आए और मुझे अस्पताल से यहां लेकर आए। भले ही यह दोनों मेरे कोई नहीं लगते हैं, मगर इन्होंने इंसानियत के नाते मेरी जो सहायता की है। उसे देखते हुए मैं इन्हें अपना दोस्त और परिवार से बढ़कर मानने लग गया हूँ।
मकान मालकिन जाते हुए कहती है- बेटा अपना ख्याल रखना अपने घर वालों को भी बता देना और किसी चीज की जरूरत हो तो मुझे फोन कर लेना। मगर इन दोनों के साथ ज्यादा दोस्ती मत करना और हां इन दोनों को यहां मत रुकने देना।
किशोर जवाब देते हुए कहता है- अच्छा आंटी ठीक है। कोई परेशानी होगी तो मैं आपको फोन करके बताऊंगा। हां यह दोनों जल्दी ही यहां से चले जाएंगे।
किशोर के लिए खाना बनाकर और पानी रखकर रिंकू और कमला ने जाने का फैसला किया। किशोर ने दोनों को धन्यवाद करते हुए कहां- आप दोनों आते रहिएगा। अब आप मेरे लिए दोस्त से भी बढ़कर हो।
कमला और रिंकू कहते है- साहेब! अपना ध्यान दीजिएगा और हम दोनों जल्द आपका हाल-चाल जानने के लिए फिर आएंगे। अभी के लिए हमें यहां से जाना होगा।
इतना कहने के बाद कमला और रिंकू दोनों किशोर के रूम से चले जाते है।
तभी रिंकू ने कमला से कहा- कमला यह दुनिया कितनी बुरी है ना हम किसी की मदद करें तब भी हम बुरे हैं और हम किसी की मदद ना करें तब भी हम बुरे हैं।
कमला ने जवाब
दिया- दुनिया के बारे में इतना मत सोचो अपना काम करते रहो और आगे बढ़ते रहो। दुनिया का काम भौंकना है दुनिया भौंकती रहेंगी, मगर कभी रूकेंगी और थकेंगी नहीं।
किशोर अकेले अपने रूम में बैठकर सोचने लगा अखिर मैंने रिंकू और कमाल के साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया होगा ? क्या किन्नर लोग इंसान नहीं है ? वैसे रिंकू तो देखने में भी अच्छी है। आज कमला और रिंकू नहीं होते तो शायद मेरी कोई सहायता ही नहीं करता।
सोचते.... सोचते… किशोर सपनों की दुनिया में खो गया।
अगले दिन रिंकू और कमला फिर से किशोर के रूम में आते है और किशोर के लिए खाना बनाकर उसे खिलाकर चले जाते है। अब रोज यह क्रम चलने लगा… कभी रिंकू तो कभी कमला किशोर के कमरे में आते और उसके लिए खाना बनाकर चले जाते। इस दौरान किशोर, रिंकू और कमला अच्छे दोस्त हो गए।
किशोर के मन में रिंकू और कमला के प्रति सम्मान और प्रेम उत्पन्न धीरे-धीरे बढ़ने लग गया। 2 हफ्ते बाद जब किशोर थोड़ा ठीक हुआ तो उसने ऑफिस जाने का फैसला किया। किशोर ने प्लान किया कि वह रिंकू और कमला से आज मिलेगा और उनका उपहार देकर शुक्रिया अदा करेगा।
जैसे ही किशोर ड्यूटी के लिए मेट्रो स्टेशन से बाहर निकलता है तभी एक छोटी सी बच्ची फूल लेकर किशोर के पास आती है और बोलती है साहेब एक फूल ले लो.... साहेब ले लो ना… अपने दोस्त के लिए ले लो ना… अपनी गर्लफ्रेंड के लिए ले लो….
फूलों को देखकर किशोर सोचने लग गया कि मैं किसके लिए फूल लू… मेरी तो कोई गर्लफ्रेंड है ही नहीं… तभी किशोर के मन में रिंकू का ख्याल आता है... अब किशोर ने फैसला किया कि वह रिंकू के लिए एक फूल लेकर जाएगा... किशोर ने उस बच्ची को ₹20 देकर एक गुलाब का फूल ले लिया... और उस फूल को अपने बैग में रख लिया.... किशोर ऑफिस पहुंचता है और ऑफिस में थोड़ी देर काम कर जल्दी घर आने का प्लान करता है।
किशोर ने लंच टाइम में अपने बॉस से छुट्टी ले ली... किशोर ऑफिस से निकलता है और ऑटो से नोएडा सेक्टर-15 मेट्रो स्टेशन पहुंचता है। मेट्रो स्टेशन पर किशोर रिंकू और कमला को खोजने लगता है। थोड़ी देर बाद कमला और रिंकू ताली बजाते हुए किशोर के सामने आते हैं। किशोर को देखते ही दोनों कहते हैं साहब आप ? ठीक हो गए है ?
किशोर ने रिंकू और कमला का धन्यवाद करते हुए कहां आप लोग उस दिन नहीं होते तो शायद इस शहर में मेरी कोई सहायता नहीं करता। मैं आप लोगों का हमेशा एहसानमंद रहूंगा।
तभी किशोर ने अपने बैग से गुलाब का फूल निकाला और रिंकू के सामने बैठकर रिंकू को देने लग गया।
किशोर को देखकर रिंकू और कमला जोर जोर से हंसने लग गए और और कहने लग गए साहब आप जानते नहीं हैं कि हम हिजड़े हैं हिजड़े.... हमें कोई प्यार नहीं करता… हम सिर्फ तालियां बजाने के लिए पैदा हुए है….
किशोर ने कहा- कमला मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता, मगर मुझे सच में रिंकू से प्रेम हो गया है। और हां दुनिया मेरे बारे में क्या सोचा इससे मुझे कोई लेना देना नहीं है। आप दोनों मेरे अच्छे दोस्त हो और रहोगे…
रिंकू ने गुलाब का फूल पकड़ते हुए किशोर को गले लगा लिया और कहां साहब आप बहुत अच्छे इंसान हो। आज से हम आपके अच्छे वाले मित्र हुए... हर सुख-दुख में आपके साथ खड़ी रहूंगी…
अब धीरे-धीरे किशोर और रिंकू की प्रेम कहानी आगे बढ़ने लगी...
कभी रिंकू और किशोर मूवी देखने जाते तो कभी किसी पार्क में बैठ प्रेम की बातें करते मिलते... रिंकू का पहनावा एकदम से बदल गया... रिंकू अब अपने आप को एक लड़की की तरह सजाने लग गई... किशोर रिंकू को अच्छे कपड़े दिलाने लग गया... रिंकू ने भीख मांगना बंद कर दिया... रिंकू और किशोर इतने करीब आ गए... कि दोनों का एक दूसरे के बिना जीना मुश्किल हो गया...
रिंकू और किशोर की प्रेम कहानी को देख कमला रिंकू से कहता है- रिंकू! तुम भूल रही हो कि एक किन्नर किसी से प्रेम नहीं कर सकती है और ना ही किसी की पत्नी बन सकती है। हम किन्नरों की जिंदगी में सिर्फ ताली बजाना ही लिखा है।
कमला को जवाब देते हुए रिंकू कहती है- कमला..! किशोर औरों से अलग है। वो मेरे से बहुत प्रेम करता है। मैं भी उसे बहुत प्रेम करती हूँ। मैं जानती हूँ कि मैं उसे एक पत्नी का हर सुख नहीं दे सकती हूँ। इसके बावजदू भी मैं उसके साथ हमेशा हमेशा रहना चाहती हूँ।
अब तुम दोबारा मेरे और किशोर के बीच आने की कोशिश मत करना, नहीं तो इसकी बुरा अंजाम होगा।
वहाँ रिंकू और किशोर की प्रेम धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है। अब दोनों एक ही कमरे में रहते... एक साथ खाते और एक साथ सोते हैं... और किशोर के ऑफिस टाइम में व्हाट्सएप के माध्यम से बातचीत करते… एक दूसरे के लिए जीने मरने की कसमें खाते…
इतने गहरे प्रेम के बावजूद भी किशोर ने रिंकू और अपनी प्रेम कहानी के बारे में किसी को नहीं बताया था… शायद किशोर के मन में रिंकू को लेकर किसी प्रकार की शंका हो…
करीब सात आठ महीने बीतने के बाद किशोर जब अपने घर लौटा तो उसके परिवार ने उससे शादी की बात की... किशोर जानता था कि वह रिंकू से बहुत प्रेम करता है, मगर उसे समाज के सामने स्वीकार करना भी किशोर और उसके परिवार के लिए समाज के सामाने उनकी इज्जत का सवाल खड़ा करता था... किशोर ने अपने पिता की बात मानकर अपने गांव के ही पास के एक गांव में लड़की तो देख ली... गांव में लड़की देखने के बाद किशोर का रिंकू के प्रति प्रेम कम होने लगता है… जब किशोर वापस दिल्ली आता है... तो किशोर के दिल्ली पहुंचते ही रिंकू किशोर के पास मिलने आती है... रिंकू देखती है कि इस बार किशोर का मूड पहले के मुकाबले कुछ बदला-बदला उदास है...
रिंकू किशोर से पूछती है- किशोर तुम ठीक हो ना ? तुम्हारे परिवार में सब कुछ ठीक है ना ?
किशोर जवाब देता है- हां मैं ठीक हूं, मगर परिवार में सब कुछ ठीक नहीं है।
रिंकू कहती है- क्या हुआ ?
किशोर जवाब देता है- मेरे घरवाले मेरी शादी के बारे में सोच रहे हैं और मुझे उन्होंने अपनी पसंद की लड़की भी दिखाई… अब मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या करूं….
रिंकू कहती है- क्या..! एक बार फिर से कहना...
किशोर जवाब देता है- हां मैंने जो कहा वह सही है कि मेरे घर वाले मेरी शादी के लिए बारे में सोच रहे हैं और उन्होंने मुझे अपनी पसंद की लड़की भी दिखाई...
किशोर का जवाब सुनते ही रिंकू किशोर के कमरे से दौड़ते हुए बाहर की ओर भागती है और रोने लगती है.... रिंकू के पीछे किशोर भी बाहर की ओर भागता है और कहता है- रिंकू रूको तो सही मेरी पूरी बात सुनो...
रिंकू तेजी से भागते-भागते कमला के पास चली आती है.... कमला रिंकू को अपने गले से लगाता है और पूछता है क्या हुआ ?
रिंकू जवाब देती है- कमला तू ठीक कहता था… उसने मेरे साथ प्यार का नाटक किया है और मुझे धोखा दिया है... वह अपने गांव में शादी करने जा रहा है...
कमला कहता है- मैंने तो पहले ही बोला था इस चक्कर में मत पड़ क्योंकि तू किशोर को बच्चा नहीं दे सकती और किशोर तुझे सामाजिक रूप से स्वीकार नहीं कर सकता... हम हिजड़े हैं हिजड़े... हम लोगों की कोई प्रेम कथा नहीं होती.... क्योंकि हम इस दुनिया में सिर्फ तालियां बजाने आए है।
इतना सुनते ही रिंकू कमला को धक्का देते हुए वहां से भाग जाती है.... और रोते-रोते सड़क पर भागने लगती है…. तभी सड़क पर भागते-भागते रिंकू का जोरदार एक्सीडेंट हो जाता है… और रिंकू की सांसे हमेशा-हमेशा के लिए थम जाती है।
जब कमला और किशोर को रिंकू के एक्सीडेंट के बारे में पता चलता है तो दोनों फूट-फूटकर रोने लगते हैं… तभी कमला के मन में अपने साथी रिंकू के मौत का बदला लेने की आग जलने लगती है… अब कमला ने अकेली योजना बनाई कि वह किशोर को मौत के घाट उतार कर खुद सुसाइड कर लेगा….
कभी जो कमला इंसानियत की बात करता था, अब वो अपने साथी रिंकू के मौत के बदले की आग से जल रहा था…. किशोर का रिंकू के मौत के बाद मानसिक संतुलन बिगड़ने लगा… वह नशे की लत में आने लगा… और हमेशा रिंकू की यादों में खोया रहता…
करीब 3-4 महीने गुजरने के बाद किशोर ने अपने परिवार वालों की पसंद की लड़की से शादी कर ली… शादी के बाद किशारे अपनी पत्नी को लेकर दिल्ली चला आया… और पहले की तरह नौकरी करने लगता है… यहां कमला बदले की आग में जलता जा रहा था… अब कमला ने पहले की तरह दोबारा से किशोर का पीछा करना शुरू कर दिया… पहले रिंकू और कमला साथ में थे तो इस बार कमला अकेला था और अपने साथी रिंकू के मौत की बदलने की आग में जल रहा था….
एक दिन किशोर ने कमला को अपना पीछा करते देखा लिया… और किशोर कमला को अपने पास बुलाता है और अपने से दूर रहने को कहता है… कमला के लिए यह अपने साथी के मौत का बदला लेने का सबसे अच्छा मौका था… मगर वह किशोर को नहीं मार पाया….
तभी अचानक एक दिन कमला किशोर के कमरे में पहुंच जाता है… किशोर की पत्नी कमला को देखकर हैरान हो जाती है…
कमला किशोर की पत्नी से कहता है- हैरान मत होइए ! हम आपके पति किशोर के ही मित्र है। यह सुनते ही किशोर की पत्नी के मन में कई सवाल पैदा होने लगते हैं… वह अपने पति किशोर से कमला को लेकर सवाल करती हैं… आखिर आप इन लोगों के साथ दोस्ती कैसे कर सकते है ? आप इन्हें कैसे जानते है ?
किशोर ने कमला को वहां से जाने के लिए बोला और कल मेट्रो स्टेशन के पास मिलने को कहा… अगले दिन किशोर नोएडा सेक्टर-15 मेट्रो स्टेशन पर कमला से मिलता है और वह कमला को धमकी देते हुए कहता है- बेटा इस बार अंतिम बार समझा रहा हूं, नहीं तो अगली बार सीधे ऊपर का टिकट काटूंगा… यह सुनते ही कमला किशोर पर चाकू से हमला कर देता है… किशोर बुरी तरह से जख्मी हो जाता है…. और कमला का वहां से भागते भागते एक्सीडेंट हो जाता है…. किशोर को कुछ लोग मिलकर अस्पताल पहुंचाते है।
किशोर के शरीर से खून बहता रहता है…. डॉक्टर किशोर को लगातार बचाने की कोशिश करते है… पुलिस और अस्पलात वाले किशोर के घर वालों को फोन कर किशोर पर हुए हमले के बारे में जानकारी देते है और उन्हें जल्द अस्पलात आने के लिए बोलते है… किशोर की पत्नी जब अस्पलात पहुंचती है, तो किशोर डॉक्टरों से अपनी पत्नी से मिलाने को कहता है…. डॉक्टर समझ जाते है कि अब किशोर का बच पाना संभव नहीं है… किशोर अपनी पत्नी का हाथ पड़कर माफी मांगते हुए अपनी और रिंकू की प्रेम के बारे में बताता है… और एक लंबी सांस लेते हुए दम तोड़ देता है….