Rajni Bajaj

Drama

1.0  

Rajni Bajaj

Drama

कीप मिसिंग मी

कीप मिसिंग मी

7 mins
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विनीता रोज की तरह साइकिलिंग करके घर पहुंचती हैं। साइकिल स्टैंड पर लगाने के बाद रसोई में जाकर पानी गर्म करती है,पानी पीने के बाद अपनी चाय बनाती है और बाहर बगीचे में आकर बैठ जाती है। अचानक देखती है कि टोकरी में दूध का पैकेट पड़ा है और सोचती है की किराए पर रहने वाला लड़का आज ऑफिस नहीं गया,तो थोड़ी सी घबराहट होती है। और लड़के का दरवाजा खटखटा ती है,अंदर से लड़का पूछता है अरे आंटी आप क्या हुआ ? तो वह पूछती है।

आज ऑफिस नहीं गए, अरूण ने कहा नहीं रात से बुखार है। विनीता पूछती है कोई दवाई ले आऊ। अरूण कहता है। नहीं रात को ले ली थी अब बस टिफिन का इंतजार कर रहा हूं,आ जाए तो खाने के बाद दुबारा दवाई ले लूंगा, विनीता मुस्कुराती है और कहती है मैं चाय बना कर लाती हूं और कुछ खाने को भी भेजती हूं लड़का हिचकिचाते हुआ कहता है नहीं आंटी आपको तकलीफ करने की जरूरत नहीं मैं कर लूंगा। और विनीता मुस्कुरा कर जवाब देती है नो फॉर्मेलिटीज बेटा।

कुछ देर बाद बनिता उस लड़के को चाय और खाने को देती हैं। लड़का चाय पीकर दवाई लेता है और आराम करता है। विनीता अपने कमरे में आ कर लेट जाती है और अपनी किसी किताब के पन्ने पलट ती है। जिसमें से एक पुराना खत मिलता है। और उस खत को देखते हुए खयालों में खो जाती है और खयालों में केवल यही शब्द सुनाई देते हैं कि keep missing me अचानक लड़का दरवाजे पर दस्तक देता है। और कहता है सॉरी। आपको डिस्टर्ब किया। आपने चाय दी और खाने को दिया इसके लिए बहुत-बहुत शुक्रिया विनीता मुस्कुरा कर कहती है कि अगर मेरा बेटा भी होता उसके लिए भी मैं ऐसे ही करती formalities की कोई बात नहीं खाना बना रखा है खाकर ही जाना। लड़का कुछ आनाकानी करता है मना करने की कोशिश करता है। लेकिन विनीता उसे प्यार और जबरदस्ती से रोक लेती है।

और खाना देते हुए कहती है। बैठ जाओ वैसे भी सामने वाली कुर्सी पर सालों से कोई नहीं बैठा, कुछ आवाजें हो तो अच्छा लगता है। लड़का आंटी की तरफ देखता ही रह जाता है। और समझने का प्रयास करता है कि वह अंदर से कितनी टूटी हुई और अकेली है। खाना खाने के बाद उनकी मदद करता है रसोई में बर्तन रख आता है और चला जाता है। शाम को विनीता सब्जी का थैला लिए। गेट पर पहुंचती है। तो अरुण। अपनी बाइक साफ कर रहा था विनीता को देखते ही उसकी मदद करने पहुंचता है और विनीता के सब्जियों का थैला अंदर तक पहुंचाता है। इस बीच विनीता का फोन बजता है। विनीता उसे। मुस्कुरा कर excuse me कह कर दूसरे कमरे की ओर चली जाती है।

बात करते हुए विनीता के चेहरे पर एक खूबसूरत सा शर्माना होता है हिचकिचाहट भी है। एक नजर। अरुण को नजरे चुरा कर भी देखती है फिर दोबारा फोन पर बातें करने लग जाती है। बस इतना ही कहती है। जिस मोड़ पर छोड़ा था वहां से तुम्हारे साथ आगे बढ़ना चाहती हूं। अधूरी ख्वाहिशें पूरा करना चाहती हूं लड़का कुछ देर इंतजार करता है और विनीता को देखता हुआ बाहर निकल जाता है। बाहर आते ही कोरियर वाला खड़ा होता है वह कोरियर वाले से। बॉक्स ले लेता है और साइन करके पेपर वापस कर देता है। अरुण वह बॉक्स आंटी को देने अंदर जाता है। तो देखता है आंटी फोन पर अभी भी बातें कर रही थी जैसे ही विनीता अरुण को देखती है तो बोलती है 1 मिनट होल्ड करना और जल्दी से जाकर अरुण से वह बॉक्स पकड़ती है। और उस बॉक्स पर लिखा होता है कि keep missing me अरुण को थैंक यू कहकर नजरें चुराती हुई अंदर चली जाती है।

और फोन पर पूछती है तुमने भेजा है। उधर से आवाज आती है। पुरानी यादें हैं। अधूरे वादों को पूरा करना है नई शुरुआत के साथ। यह सुनकर विनीता की आंखें भर आती हैं मुस्कुराती है अकेले-अकेले सहमति के लिए हां कह देती है। रात को बिस्तर पर लेटे हुए एकटक उस बॉक्स को देखती है। आंखों से आंसू बहने लगते हैं इस बीच विनीता की आंख कब लग जाती है उसे पता ही नहीं लगता। अगले दिन। रोज की तरह अपनी चाय बना कर। कमरे की ओर बढ़ती है कप रखते समय मेज पर पड़ा फोटो फ्रेम अचानक गिर जाता है जिसे विनीता आगे बढ़कर बचा लेती है। और फोटो को देखते हुए कहती है। आज भी नहीं टूटने दिया रिश्ते ,चीजें और यादें संभाल कर रखी हैं बस जिंदगी संभाल ले कोई मेरी विजय अब थक गई हूं। कहकर आंख भर आती है। अपने आंसुओं को छुपाती हुई चाय पीती है। और फिर अपने। काम पर लग जाती है।

शाम को लड़का जब अपने ऑफिस से आता है तो विनीता के घर की घंटी बजा कर पूछता है। आंटी मेरी कोरियर का पैकेट आया है। विनीता कहती है हां अंदर आ जाओ टेबल पर रखा है।

जैसे ही अरुण अपना पैकेट उठाता है। वहीं पर उसे खुला हुआ। गिफ्ट बॉक्स पङा है जो उसने कल आंटी को पकड़ाया था और उसके नीचे एक पत्र पढ़ा होता है। इस दौरान विनीता रसोई में से आवाज लगाती है बेटा चाय बनी हुई है पी कर जाना। अरुण कहता है जी आंटी। इस बीच। अरुण वो पत्र पढ़ लेता है। जैसे विनीता चाय लेकर आती है। उसके साथ बैठ जाता है चाय पीते हुए। विनीता की ओर देखता है और कहता है मैंने अपने पापा को बहुत समझाया। यादों को कैद किया जा सकता है, पर यादों में जिंदगी कैद नहीं की जा सकती। विनीता अचानक हैरान परेशान होकर अरुण की ओर देखती है अरुण। कहता है।

माफ करना आंटी जिंदगी जब दोबारा मौका दें तो खोना नहीं। अपने अधूरे प्यार को पूरा कर लिजिए। विनीता घबरा जाती है। और उसे टकटकी लगा कर देखती है गहरी सांस लेते हुए कहती है, उस समय उसके इजहार और मेरे इकरार में फासला रह गया था पर आज समाज ने जो फैसला बनाया है उसे तोड़ पाना इतना आसान नहीं है अरुण कहता है। यह समाज। सोच हम लोगों की अपनी बनाई हुई है। अगर कोई आदमी यह कदम उठाए तो ठीक। अगर एक औरत अपनी जिंदगी में नई उड़ान भरना चाहे और जीना चाहे तो वह गलत नहीं आपको भी उतना ही हक है जितना एक मर्द को होता है। शिव और शक्ति का मिलन ही पूर्ण मिलन माना जाता है और हम अपनी सोच बदलेंगे तभी तो यह सोसाइटी बदलेगी।

विनीता हिचकिचाती है पर उसे साथ ही बहुत खुशी हुई कि कोई तो है जो उसके साथ सहमति रखता है और इसी खुशी में अरुण को गले लगा लेती है और उनकी आंख भर आती है अरूण अचानक बदलते हुए कहता है। तो आंटी कब मिलवा रही हो अपने बॉयफ्रेंड से यह बात सुनकर दोनों जोर से हंस पड़ते हैं। विनीता उसे अगले सप्ताह मिलवाने का वादा करती हैं और वह दिन आ गया। विनीता और प्रकाश दोनों रसोई में काम कर रहे थे और बड़ी बेसब्री से अरुण के आने का इंतजार कर रहे थे और प्रकाश विनीता को समझा रहा था। यह बिल की पेमेंट फोन से कर लिया करो बाहर जाकर थकने की जरूरत नहीं है। एटीएम की बजाय नेट बैंकिंग यूज किया करो।

कभी-कभी मालिश वाली को बुला लिया करो। तुम्हारी मालिश कर दिया करेगी और दर्द खत्म हो जाएगा। विनीता प्रकाश के मुंह पर हाथ रखती है और बोलती है इन सब कामों के लिए। तुम्हें हस्बैंड रख रही हू ना,और कहकर दोनों एक दूसरे के गले लगा लेते हैं। इस बीच अरुण आ जाता है और बहुत ही खुशी से चिलालते हुए आता है। आंटी आंटी आंटी अचानक रसोई में पहुंचता है और विनीता उसे मिलवाती है कि यह Mr. कहते ही प्रकाश जैसे ही अरुण को देखता है। अरुण के मुंह से निकलता है पापा। और प्रकाश के मुंह से निकलता है अरुण। तीनों एक दूसरे को एकटक लगाए देखते रह जाते हैं। कुछ देर तक सन्नाटा बना रहता है। उस सन्नाटे को तोड़ते हुए। अचानक अरुण। मम्मी पापा कहते हुए दोनों को गले लगा लेता है।


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