खुले में शौच एव शिक्षा
खुले में शौच एव शिक्षा
क्या आपने किसी गाय भैंस भेड़ बकरी ऊँट हाथी कुत्ते को गोबर लीद या कुछ ऐसा ही करते देखा है ? या कोई भैस गोबर करते शर्मा गयी हो ? हाय मैं शर्म से लाल हुई ......कोई बछड़ा अपनी मम्मी से कहे की मम्मी ,मैं ऐसे सबके सामने गोबर नहीं करूँगा ......मुझे शर्म आती है ..... भैया ,गोबर करना एक नितांत प्राकृतिक और नैसर्गिक प्रक्रिया है । इसमें शर्माने की जरूरत नहीं होती ।
मोदी इस चिंता में मरे जा रहे हैं की 60% हिन्दुस्तान खुले में शौच करता है । अरे भैया ईश्वर का बनाया हर जीव ऐसा ही करता है । सो ये 60% भी कर रहे हैं तो गलत क्या है । बल्कि वो 40% जो संडास में जाते हैं वो एक अप्राकृतिक कार्य कर रहे हैं । मेरे हिसाब से उन्हें भी खुले में ही निपट लेना चाहिए । मैंने अपने गाँव में कई ऐसे लोगों को देखा है जो घर में शौचालय होने के बावजूद रात के अंधेरे में सड़क पे निपटने जाते हैं । उन्हें लगता है कि अगर घर भर उसमे जाएगा तो उनका सेपटिक टैंक जल्दी भर जाएगा ।
सुलभ वाले मात्र 12000 में गाँव में शौचालय बनाते हैं । मेरे एक पडोसी ने आज तक नहीं बनवाया । बहुत गरीब हैं बेचारे । ये अलग बात है की 5 सदस्यों के घर में 6 मोबाइल फोन हैं और सब साले दिनवा भर बतियाते हैं । एक दिन मैंने यूँ ही पूछ लिया ,किस से बतियाते हो बे इतना ......मुझे शक था की इनने कोई काँल सेटर खोल लिया लगता है । एक दिन मैंने उनसे कह दिया की अबे तेरी माँ सड़क पे शौच करने जाती है .......साले ,एक गड्ढा खोद के उसके इर्द गिर्द टाट ही लगा ले ......नाराज हो गए .....
मोदी जी .....बात को समझो ......ये जो 60% खुले में शौच कर रहे हैं न ,ये साले सब पशु हैं । इनके लिए सरकारी पैसे से संडास बनवाने से पहले इन्हें पशु से मनुष्य बनाओ । समस्या संडास का न होना नहीं है । समस्या शिक्षा का आभाव है । उन्हें ये पता ही नहीं की संडास का होना क्यों जरुरी है । जिस दिन इनको ये पता लग गया ..... आपको सरकारी संडास नहीं बनवाना पड़ेगा । और लानत है आपकी शिक्षा व्यवस्था पे जो आज तक इन्हें ये नहीं समझा पाई कि संडास क्यों जरूरी है ।
देश और समाज की हर समस्या का हल शिक्षा और सिर्फ और सिर्फ शिक्षा है .......
