जवाब
जवाब
वह एक वरिष्ठ नागरिक कि सीट पर बैठी हेडफोन लगाये अपने आप मे मस्त थी। जब मैने मैट्रो मे प्रवेश किया। बहुत सुन्दर तो नही कह सकता थ। पर भारतीय परिवेश कि दृष्टि से बेहतर थी पहनावा भी सभ्य और आकर्षिक था ।लेकिन एक बात, जो मै नही समझ पाया था। वह थी उसके सिर्फ एक पैर मे पायल का होना । उसके दूसरे सूने पैर का कारण जानने की कोशिश तो मै कर नही सकता था । लिहजा कोच मे एक तरफ़ खड़ा होकर मै भी अपने फोन मे व्यस्त हो गया । मेट्रो मे भीड़ कम थी। साकेत मे एक -55-56 वर्षीय सज्जन चढे और सीधे उस सीट की ओर पहुच कर सीट छोड़ने को कहने लगे ।।
लड़की विन्रम भाव से बोली अंकल बस एम्स पर उतर जाऊँगी । सज्जन कुछ उपदेश देने की मुद्रा मे थे शायद।
"ठीक है" पर इस उम्र मे तो तुम खड़ी होकर भी यात्रा कर सकती हो। यह लेडीज कोच मे भी जा सकती थी। तभी पीछे से एक आवाज़ आइ जानबूझकर आती है ये और फ़िर सीट भी नही छोडती ।
न जाने एक सज्जन चुप नहीं रह सके । भाई आपके भी तो बेटी होगी ऐसी ही।
नहीं अंकल ईश्वर न करें इनकी बेटी मेरे जैसी हो। - उस लड़की ने उन सज्जन की बात काट दी। एम्स आ चुका था । वह कुछ सभलते हुए उठी और धीरे-धीरे बढती हुईं कोच के बाहर चली गयी ।
चलते समय मेट्रो की फ़र्श पर लगभग घिसटता हुआ उसका कृत्रिम पैर हम सबकी बातो का सही जवाब दे गया ।।
