जिंदगी के रंग अपनों के संग
जिंदगी के रंग अपनों के संग
कॅरेक्टर्स
________________________________________
अजय की फॅमिली
मिस्टर। डी।पी।गुप्ता – अजय के डॅड
मिसेज़। सुषमा गुप्ता – अजय की मोम
आशु (गुड़िया) – अजय को जान से ज़्यादा प्यारी सिस्टर
मिसेज़। अमृता – अजय की चाची की बेटी
अजय के मामा की फॅमिली
मिस्टर। राम प्रकाश – अजय के मामा आंड बहुत ही अच्छे बिज़्नेसमॅन
मिसेज़। मीरा प्रकाश – अजय की मामी
मिस। नैना – मीरा प्रकाश & राम प्रकाश की एकलौती बेटी और अजय की बड़ी कज़िन सिस्टर
नैना के फ्रेंड्स
मिस। शैली – नैना की दोस्त
सुनीता, किम, रजत, अमन, आरती, सोनी :- शैली और नैना के फ्रेंड्स
रवि की फॅमिली
मिस्टर। रमेश – रवि के डॅड
मिसेज़। सोनी – रवि की मोम
मिस। जिया – रवि की बड़ी बहेन
मास्टर रवि – अजय का बचपन का दोस्त
प्रिया की फॅमिली
मिसेज़। रेखा- प्रिया की मोम
मिस। प्रिया – अजय के बचपन का प्यार
स्पेशल्स
जॅक – (स्पेशल फोर्स सोल्जर आंड हाइयर्ड बाइ राम प्रकाश) अजय का दोस्त+ट्रेनर+बॉडीगार्ड
अदर्स
मिस। जुली – मिस्टर। राम प्रकाश की सेक्रेटरी
मिस्टर। रोबी – प्रकाश फॅमिली के सेक्यूरिटी के हेड
मास्टर समीर- कॉलेज का गुंडा
मिस्टर। रामलाल – गुप्ता फॅमिली के गार्डनर
मास्टर रघु – रामलाल का बेटा
आज मैं काफ़ी खुश था आज मैं पूरे 15 साल बाद अपने मोम डॅड से मिलने वाला था। हाई फ्रेंड्स मैं हूँ अजय आप सोच रहे होंगे कि अजीब बंदा है जो 15 सालो से अपनी फॅमिली से नही मिला तो आप सही सोच रहे है दोस्तों मैं जब पैदा हुआ तो डेलिवरी में कुछ प्रॉब्लम होने की वजह से मेरी हालत काफ़ी खराब थी जिस वजह से मुझे काफ़ी लंबे टाइम तक हॉस्पिटल में रहना पड़ा। पर हालत ना सुधरने की वजह से मेरे मामा मुझे किसी तरह मेरे मोम डॅड को समझा के मुझे अपने साथ अमेरिका ले गये थे और उस के बाद मैं कभी इंडिया नहीं आया ना ही मोम यहाँ आई मुझ से मिलने के लिए उन का कहना था कि मुझ से एक बार मिलने के बाद वो मेरे बिना नहीं रह पाएगी इसीलिए वो मुझ से मिलने कभी नहीं आई हाँ बीच-बीच में डॅड ज़रूर आते थे पर फोन से बराबर बात होती थी। जिस की वजह से मेरा बचपन वही गुजरा पर मुझे इंडिया की बहुत याद आती थी। पर मुझे मेरे मामा-मामी कभी इंडिया नही आने देते थे। पर मैंने इंडिया के बारे में काफ़ी सुना था कि वहाँ पे क्या क्या होता है मुझे यहाँ के फेस्टिवल पसंद थे मेरा भी मन करता था कि मैं भी अपने पूरे परिवार के साथ अपने फेस्टिवल मनाऊँ पर होनी को कौन टाल सकता है।
मामा (राम प्रकाश)- उम्र 40 से 45 के बीच बहुत ही जिंदादिल इंसान है दूसरों की हेल्प के लिए हमेशा आगे रहते है उन की कई कंपनी है इंडिया और बाहर के देशों में मतलब कि पैसो की कोई कमी नहीं है और पैसो का घमंड भी नहीं है देखने में भी काफ़ी हैंडसम है बॉडी भी ठीक-ठाक ही है मुझे अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करते है इसलिए इन्होंने अपनी प्रॉपर्टी का 60% मेरे नाम कर दिया है।
मामी (मीरा)- एक बहुत ही सुलझी हुई औरत है और मेरी दूसरी माँ भी बहुत ही खूबसूरत कोई एक बार देख के बोल ही नही सकता कि ये एक जवान लड़की की माँ है (दोस्तों यहाँ आगे इसलिए नहीं लिखा कि फीमेल्स को अपनी आगे छुपाने में अलग ही मज़ा आता है) मामा का बिज़्नेस संभालने मे ये काफ़ी हेल्प करती है।
नैना- मामा-मामी की इकलौती संतान देखने में किसी हेरोयिन से कम नहीं और नखरे भी वैसे ही मुझ से एक साल बड़ी होने के नाते हमेशा मुझ पे हुक्म चलाती रहती है इन को मेरे से बस एक ही प्रॉब्लम है कि मेरे को इनसे ज़्यादा प्यार क्यूँ मिलता है गुस्सा तो हमेशा इनकी नाक पे रहता है।
शैली- ये नैना दीदी की फ्रेंड और हमारे पड़ोसी जॉन अंकल की बेटी है जिस का ज़्यादातर टाइम हमारे घर मे ही बीतता है पर क्यूँ ये मेरे आज तक समझ नहीं आया देखने मे कमाल की है बिल्कुल बार्बी डॉल की तरह इन के 2 बॉय फ्रेंड के बारे में मुझे पता है।
मैं -अजय स्पोर्ट्समॅन होने की वजह से बॉडी काफ़ी फिट आंड फाइन है। फेस भी काफ़ी हद तक अट्रॅक्टिव है जिस वजह से मुझे लोगो की काफ़ी अटेन्षन्स मिलती है लाइफ मे ऐसा कुछ भी नही जो मैने चाहा और वो मुझे नही मिला मैं अपनी लाइफ से काफ़ी हद तक खुश था। और अब मेरी एक ही इक्षा (विश थी कि मैं इंडिया मे रह के अपनी आगे की लाइफ को एंजाय कर सकूँ।
सुबह के 7 बज रह थे और आज सनडे होने की वजह से मुझे जल्दी उठने की जल्दी नही थी और मैं अपने मीठे सपनो मे था कि किसी ने मेरे उपर पानी डाल दिया बता नही सकता कि मुझे कितना गुस्सा आया पर जब नीद खुली और सामने देखा तो सारा गुस्सा रफू-चक्कर हो गया सामने नैना दी हाथ मे पानी का जग लिए खड़ी थी।
मैं - क्या दी आप भी आराम से नहीं उठा सकती थी पूरा गीला कर दिया।
नैना दी- पिछले आधे घंटे से मोम उठा तो रही है आराम से पर तू है कि उठने का नाम ही नही ले रहा इस लिए मैं ने अपना तरीका आज़मा लिया और देख काम बन गयतू एक मिंट मे उठ गया।
मैं- हाई कोई कभी तो मेरा भी टाइम आएगा तब बताउन्गा आपको।
नैना दी- वो टाइम कभी नहीं आ सकता। चल जल्दी फ्रेश हो के नीचे आ मोम-डॅड तेरा ही वेट कर रहे है।
मैं- ओके, आप चलो मैं 15 मिंट्स में आता हूँ।
जल्दी आना नहीं तो अच्छा नहीं होगा ये बोल के नैना दी नीचे चली गयी और मैं फ्रेश होने बाथरूम मे चला गया फिर आधे घंटे में तैयार हो के नीचे गया यहाँ पे मामा नाश्ते की टेबल पे न्यूसपेपर पढ़ रहे थे मैं उन के पास गया उन के पैर छू के मॉर्निंग विश किया फिर मामी का पूछा तो पता चला कि किचन में है मैं किचन मे चला गया वहाँ मामी जूस निकाल रही थी मैं ने मामी के पैर छुए और मॉर्निंग विश कर के नाश्ते के टेबल पे आ गया। वहाँ आते ही नैना दी ने अपने पैर आगे कर दिए। मैं और मामा नैना दी को देखने लगे तो नैना दी ने बोला कि पैर छूने के लिए हैं आख़िर मैं भी तो बड़ी हूँ। उनकी बात सुन के मेरी और मामा की हँसी निकल गयी फिर मैं ने उन को भी मॉर्निंग विश किया फिर ऐसे ही हँसी मज़ाक में हम सब ने नाश्ता किया।
मामा- तो अजय आज का क्या प्लान है।
मैं- कुछ खास नहीं बस अपने डॉक्युमेंट्स स्कूल से कलेक्ट करने है इस के बाद फ्री हूँ।
मामा- गुड डॉक्युमेंट्स कलेक्ट कर के मुझे मेरे ऑफीस मैं आ के मिलो।
मैं-ओके, जैसा आप ठीक समझे।
फिर मामा ऑफीस के लिए निकल गये और मैं तैयार हो के अपने स्कूल के लिए यहाँ कुछ पुराने दोस्तों से बातचीत की फिर डौकुमएंट्स कलेक्ट कर के मामा के ऑफीस के लिए निकल गया। वहाँ पे जाके पता चला कि मामा किसी मेत्टिंग मे है तो मैं उन के कॅबिन मे बैठ के उनका वेट करने लगा। करीब 20 मिनट के बाद मामा आए और उन के साथ उनकी सेक्रेटरी जुली भी थी (जुली एक बहुत ही खूबसूरत लड़की थी और मेरी उससे काफ़ी अच्छी बनती थी)।
मामा-सॉरी अजय मुझे किसी काम से अभी बाहर जाना पड़ रहा है इस लिए तुम्हारा काम अब जुली करवा देगी ओके।
मैं-कैसा काम
मामा-तुम्हें जुली के साथ अभी बैंक जाना है वहाँ पे ये तुम्हारे बैंक अकाउंट को मेरे अकाउंट से लिंक करवा देगी बैंक में मेरी बात हो गयी है ताकि फ्यूचर में तुम्हें कभी कोई प्राब्लम ना हो
मैं- इस की कोई ज़रूरत नहीं मामा मेरे अकाउंट में ऑलरेडी काफ़ी कैश पड़ा है
मामा-पता है पर फिर भी ये फ्यूचर के लिए है अब तुम इंडिया जा रहे हो और तुम्हें अपना प्रोमिस तो याद है ना कि तुम मेरे बेटे बन के इंडिया जा रहे हो वहाँ जो भी खर्च हो गा तुम इस अकाउंट से करोगे समझ गये और अब मैं कोई बहस नहीं चाहता अब मुझे देर हो रही है तुम जुली के साथ जा के काम करवा लो ।
और ये बोल के मामा अपने कॅबिन से निकल गये और फिर मैं जुली से बोला कि क्या चल रहा है आज कल तुम्हारी लाइफ मे कुछ इंट्रेस्टिंग है या वोही बोरिंग लाइफ। जुली -हे मेरी लाइफ बोर्निंग नही है मैं अपनी लाइफ फुल एंजाय करती हूँ तुम अपनी सुनाओ कोई गर्लफ्रेंड बनाई या अब भी ऐसे ही हो।
मैं-तुम ने मेरा सवाल मेरे पे ही डाल दिया इंट्रेस्टिंग पहले की तरह अब तुम हिचक नहीं रही रही गुड। और हाँ एक बनाई थी पर उस से ब्रेकप कर लिया तुम अपना बताओ
जुली -नहीं मेरी लाइफ मे अभी कोई नहीं है पर तलाश जारी है जैसे ही कोई मिलता है सबसे पहले मैं तुम को बताऊंगी ओके।
फिर इसी तरह की बातचीत करते हुए हम बैंक पहुँच गये और बैंक से सीधा घर। घर पे जाते ही मुझे शैली मिली जो सोफे पे बैठ के दीदी से कुछ बात कर रही थी, क्या लग रही थे दोस्तों वाइट टीशर्ट भी पूरे जिस्म से चिपकी हुई ऐसा लग रहा था कि उस के बूब्स अभी टी-शर्ट फाड़ के बाहर आ जाएंगे वो जब भी उपर नीचे होती तो उस के बूब्स भी क्या टाइमिंग के साथ हिलते सच कहूँ तो आज पहली बार शैली को ऐसे देख के मुझे काफ़ी औकवाड़ फील हो रहा था मेरी नजरें तो जैसे वहीं ही चिपक गयी थी, मुझे पता ही नहीं चला कि कितनी देर तक मैं उन्हें देखता रहा मेरा ध्यान तो दी की आवाज़ से टूटा और मुझे काफ़ी शर्मिंदगी महसूस हुई और मैं अपने कमरे में भाग गया।
वहाँ जा के सब से पहले मैं शावर के नीचे खड़े हो के शावर चालू कर दिया और उस सीन को दिमाग़ से धोने की कोशिश करने लगा फिर नहा के बाहर आया और सोचने लगा कि बस और 02 दिन फिर मैं बिल्कुल नये देश में नये लोगों के बीच होऊंगा ये सोच –सोच के मैं काफ़ी एक्साइट हो रहा था ।
फिर मैं नीचे आ गया अब शैली वहाँ नही थी मैं ने राहत की सांस ली फिर मैं ने थोड़ी देर टीवी देख के टाइम पास किया फिर मैं जिम चला गया वहाँ पे अपनी रुटीन एक्सरसाइज़ करने के बाद थोड़ी देर दोस्तों के पास चला गया कुछ टाइम उन के साथ बिताने के बाद मैं घर आ के डिनर कर के सो गया इस उम्मीद में कि कल का दिन मेरा यहाँ पर आख़िर दिन है जहाँ मुझे अपने रियल मोम डॅड और बेहन के पास जाने की खुशी थी वहीं मामा-मामी को छोड़ के जाने का दुख ।
सुबह मेरी नींद मेरे फोन के अलार्म से खुली मैं उठ के अपनी मॉर्निंग के रूटीन वर्क को निपटा के नीचे हाल मे आ गया वहाँ पे मामा को मॉर्निंग विश कर के मॉर्निंग वर्क के लिए पार्क की तरफ चला गया वहाँ जा के कुछ देर एक्सर्साइज़ करने के बाद मैं वहाँ पे एक बँच पे बैठ गया और आने जाने वालो को देखने लगा कुछ देर वहाँ टाइम बिताने के बाद मैं घर आ गया और फ्रेश होने के लिए अपने रूम मे चला गया फ्रेश मैं नाश्ता करने के लिए नीचे आ गया नाश्ते पे मैंने मामा से बोला कि मुझे कुछ गिफ्ट लेने है मोम डॅड के लिए तो मैं आज गिफ्ट लेने के लिए जाऊंगा ।
मामा-ठीक है अपनी मामी को ले के चले जाना
मामी-मुझे आज कुछ काम है इसलिए मैं नहीं जा सकती
मामा-कोई काम वाम नहीं तुम आज अजय के साथ जाओगी
मैं-कोई बात नहीं मामा मैं अकेला ही चला जाऊंगा मामा-नहीं बिल्कुल भी नहीं तुम्हारी मामी जाएगी तुम्हारे साथ
मैं-पर मामा मामी को कोई कुछ काम है
मामा-कोई भी काम तुम्हारी खुशी से ज़्यादा ज़रूरी नहीं है।
मैं- ओके तो मैं नैना दी को ले जाता हूँ वैसे भी ये आज कल खाली ही है और इनकी पसंद काफ़ी अच्छी है।
मामा-ठीक है मुझे फोन कर के बता देना किस माल में जा रहे हो मैं बात कर लूँगा।
मैं-ओके मामा तो तय रहा मैं और नैना दी चले जाएंगे मामा प्लीज़ आप दी को बोल दें कि वो मेरी खिचाई ना करे प्लीज़
मामा-हँसते हुए ओके पर वो है कहाँ
मामी-अभी सो रही है कल किसी पार्टी में गयी थी तो लेट नाइट आई है मैं बस उठाने ही जा रही थी।
मैं-मामी आप रहने दो मैं उठा के ले आता हूँ और मैं दी के कमरे मे दी को उठाने के लिए चल पड़ा गेट पे जा के मैं गेट को नॉक करने ही वाला था कि मुझे कल का सीन याद आ गया जब उन्होंने मुझे बड़े प्यार से उठाया था ये सोचते ही मैं रुक गया और मामा के पास जा के मैं-- मामा जी मुझे मास्टर के चाहिए थी वो क्या है ना की मैं अपने कमरे में ही भूल गया हूँ और गेट लॉक है और मुझे दी को कुछ वापस करना है नहीं तो दी बहुत गुस्सा करेगी
मामा-ओके मेरे कमरे के ड्रॉ के फर्स्ट ड्रॉ में है जा के ले लो
मैं-ओके
और मैं ने मास्टर की ले के दी के रूम का गेट ओपन किया और जग मे पानी ला के बड़े प्यार से दीदी के सिर पे डाल दिया पानी डालते ही दी ऐसे खड़ी हुई जैसे किसी ने 440वॉल्ट का करंट लगा हो मुझे यूँ हँसता हुआ देख के उन का गुस्सा और बढ़ गया मैं समझ गया कि अब यहाँ रहना ख़तरे से खाली नहीं दीदी को जैसे ही समझ आया कि क्या हुआ है वो मेरे तरफ झपटी पर मैं तैयार था मैं वहाँ से मामी बचाओ मामी बचाओ चिल्लाते हुए बाहर हॉल मे भागने लगा मेरे यूँ चिल्लाने से मामी भी भागते हुए किचन से हॉल में आ गयी और दी को ऐसे देख के उन की भी हँसी छूट गयी।
