इंतजार
इंतजार
सुमन बाजार से घर की तरफ़ आ रही थी तभी उसकी नज़र एक युवक पर पड़ी जो अपनी पत्नी के साथ घर का समान खरीद रहा था सुमन ने उसे गौर से देखा तो वह कोई और नहीं नीरज था। नीरज को देखकर वह सन्न रह गयी वह जल्दी जल्दी वहा से निकल आयी कभी नीरज भी उसे देख ना लें जैसे तैसे सुमन घर पहुची सुमन अभी तक हाफ रही थी माँ ने पूछा क्या हुआ इतनी डरी हुई क्यूँ हो सुमन ने जैसेतैसे ख़ुद को संभाला और कहा नहीं माँ आपको वहम हुआ है ऐसा कुछ नहीं है घर का काम खत्म करके बेड पर लेट गयी और ना जाने कब अतीत में चली गयी जब नीरज ने उसके कॉलेज में दाखिला लिया था नीरज को पहली नज़र में देखते ही मुझे उससे प्यार हो गया इतना सुन्दर और पढ़ाई में होशियार था उसे जीवनसाथी के रूप में देखकर मन गदगद होने लग जाता था कॉलेज की सभी लड़किया उस पर फिदा थी नीरज को कही से पता चल गया था कि मैं उसपर फिदा हूँ अब तो नीरज भी मुझसे बातें करने लगा था हम दोनो एक दूसरे के प्यार में खोने लगे थे।
लेकिन वक़्त को कुछ और ही मंजूर था नीरज और मेरी जुदाई का वक़्त आ चुका था नीरज को आगे कि पढ़ाई के लिए अमेरिका जाना पड़ा नीरज ने उससे वादा किया की वापस आकर वह सुमन से ही शादी करेगा समय भी अपनी रफ्तार पर था सुमन के लिए रिश्ते आने लगे माँ और बाबूजी को सुमन की शादी की चिंता थी अभय का रिश्ता सभी को बहुत पसंद आया अपना ख़ुद का कारोबार सभी ने सहमति जतायी की अभय अपनी सुमन के लिए एकदम ठीक लड़का है लेकिन सुमन के दिल में तो सिर्फ नीरज ही था सुमन को शादी के बाद अभय का असली रंग देखने को मिला अभय एक नंबर का अय्याश और शराबी था आए दिन दोनो के झगड़े होने लगे सुमन के पिता की तबीयत ठीक नहींं रहती थी इसलिए घरवालो को बताना सही नहीं समझा सुमन ने सुसराल में सास के ताने ननद की बदतमीजी की तो जैसे आदत पढ़ गयी थी सुमन को। एक दिन अभय को सीने में दर्द हुआ डॉक्टर ने कहा अभय की शराब पीने की आदत से उसकी दोनो गुर्दे खराब हो चुके है अब वह नहीं बचेगा यह सुनकर सुमन जोर जोर से रोने लगी आखिर अभय उसका पति जो था सुमन ने अभय को ठीक करने की बहुत कोशिश करी और दिल सेउसकी सेवा करी अभय नहीं बचाअभयके मरने के बाद सास और ननद के अत्याचार और बढ़ गए बेटी की पीड़ा माँ और बाबूजी से नहीं देखी गयी और सुमन को घर लें आए।। तभी माँ की आवाज आयी सुमन आज उठना नहींं है।
क्या देखो समय क्या हुआ है। सुमन ने दिल बहलाने के लिये एक कंपनी में जॉब कर ली थी सुमन का आज मन बहुत भारी थी पुरानी बातें सोचकर फिर ऑफिस के लिए निकल पड़ी। रास्ते में रोड क्रॉस कर रही थी तभी वहाँ पर नीरज को खड़े पाया नीरज ने जैसे ही मुझे देखा देखता ही रह गया उसे यकीन नहीं आया की वो मैं हूँ और मेरा रास्ता रोककर पूछने लगा सुमन तुम कहा चली गयी थी मैने तुम्हारा कितना इन्जार किया तुमने शादी भी कर ली तब सुमन ने नीरज से कहा शादी तो तुमने भी कर ली है। मैने तुम्हे कल एक औरत के साथ देखा।नीरज ने कहा मैने शादी नहीं की वो मेरी भाभी थी यह सुनकर सुमन जोर जोर से रोने लगती है और अपनी सारी कहानी नीरज को बताती है नीरज उसे अपनी बाहों में भर लेता है। और कहता है मैने सिर्फ तुमसे प्यार किया है शादी भी मैं सिर्फ तुमसे ही करना चाहता हूँ यह सुनकर सुमन की खुशी का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है अपने पुराने प्यार को फिर से पाकर गदगद हो जाती है।।