Vaishali 😇

Inspirational

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ईमानदारी का फल

ईमानदारी का फल

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काफी समय पहले की बात है प्रतापगढ़ नाम का एक राज्य था। वहाँ का राजा बहुत अच्छा था। मगर राजा को एक सुख नहीं था। वह यह कि उसके कोई भी संतान नहीं थी और वह चाहता था कि अब वह राज्य के अंदर किसी योग्य बच्चे को गोद ले ताकि वह उसका उत्तराधिकारी बन सके और आगे की बागडोर को सुचारू रूप से चला सके और इसी को देखते हुए राजा ने राज्य में घोषणा करवा दी की सभी बच्चे राजमहल में एकत्रित हो जाये। ऐसा ही हुआ राजा ने सभी बच्चों को पौधे लगाने के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के बीज दिए और कहा कि अब हम 6 महीने बाद मिलेंगे और देखेंगे कि किसका पौधा सबसे अच्छा होगा महीना बीत जाने के बाद भी एक बच्चा ऐसा था। जिसके गमले में वह बीज अभी तक नहीं फूटा था।

लेकिन वह रोज उसकी देखभाल करता था। और रोज पौधे को पानी देता था। देखते ही देखते 3 महीने बीत गए बच्चा परेशान हो गया तभी उसकी माँ ने कहा कि बेटा धैर्य रखो कुछ बीजों को फलने में ज्यादा वक्त लगता है और वह पौधे को सींचता रहा। 6 महीने हो गए राजा के पास जाने का समय आ चुका था। लेकिन वह डर हुआ था कि सभी बच्चों के गमलों में तो पौधे होंगे और उसका गमला खाली होगा लेकिन वह बच्चा ईमानदार था। और सारे बच्चे राजमहल में आ चुके थे कुछ बच्चे जोश से भरे हुए थे क्योंकि उनके अंदर राज्य का उत्तराधिकारी बनने की प्रबल लालसा थी अब राजा ने आदेश दिया सभी बच्चे अपने अपने गमले दिखाने लगे, मगर एक बच्चा सहमा हुआ था। क्योंकि उसका गमला खाली था।

तभी राजा की नजर उस गमले पर गयी उसने पूछा तुम्हारा गमला तो खाली है तो उसने कहा लेकिन मैंने इस गमले की 6 महीने तक देखभाल की है। राजा उसकी ईमानदारी से खुश था। कि उसका गमला खाली है फिर भी वह हिम्मत करके यहाँ आ तो गया सभी बच्चों के गमले देखने के बाद राजा ने उस बच्चे को सभी के सामने बुलाया बच्चा सहम गया

और राजा ने वह गमला सभी को दिखाया। सभी बच्चे जोर से हँसने लगे राजा ने कहा शांत हो जाइये, इतने खुश मत होइए आप सभी के पास जो पौधे है वो सब बंजर है आप चाहे कितनी भी मेहनत कर ले उनसे कुछ नहीं निकलेगा लेकिन असली बीज यही था। राजा उसकी ईमानदारी से बेहद खुश हुआ और उस बच्चे को राज्य का उत्तराधिकारी बना दिया गया।


लेकिन हमें इस कहानी से क्या सीखने को मिला मेरे हिसाब से अपने अंदर ईमानदारी का होना बहुत जरूरी है अगर हम खुद के साथ ईमानदार है तो जीवन के किसी न किसी पड़ाव में सफल हो ही जाएंगे क्योंकि हमारी औकात हमें ही पता होती है। हम खुद को पागल बनाकर खुद का ही नुकसान करते है।

Finally मुझे उम्मीद है कि आपको भी यह motivational story अच्छी लगी होगी।



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