ईद मुबारक रचना
ईद मुबारक रचना
कायम रहे ख़ुदा पे वो ईमान मुबारक हो
ईमान मुकम्मल हो ये अरमान मुबारक हो
दिल-जिस्म-रूह पाक रहे दौर-ए-ईबादत हो
अल्लाह के बंदो को ईद मुबारक हो
करते हैं लोग चांद का दीदार नयनो से
मिटाते हैं लोग दिलों की दरार अपनों से
अपनों के दिलों पर राज करें तो ईद है
अपनों को गले लगाकर प्यार बांटे तो ईद है
खुदा ने ऐसा त्यौहार भेजा की भाईचारा बना सके
खुदा ने ऐसा पैगाम भेजा की अपनों से दूरी मिटा सके
चांद दीदार होता है सभी भाईयों को ईदी पर
सेवइयों सा रिश्तों में मिठास लाए ईदी पर।।
