हकीकत
हकीकत
कितनी मुश्किल है जिंदगी ?
बस रोज आंखें खोलनी है और सूरज की किरणों का आभास करना है मुस्कुराकर दिन की शुरुआत करनी है, मुस्कुराहट बटोरनी है, मुस्कुराहट बिखेरनी है, रुठे को मनाना है, रुठे हैं अगर हम तो मुस्कुराकर मान जाना है। ज्यादा मुश्किल नहीं होती अगर ज्यादा सोचना छोड़ दिया जाए हर बात को तोलना हर बात पर बोलना छोड़ दिया जाए। दिल जो कहे उस पर क्यों सोचना? सही लगता है तो जरूर करना। क्योंकि दिल में आई बात को अगर ना बोला जाए तो मन का बोझ बढ़ता है, और इस बोस के साथ जिंदगी की रफ्तार धीमी हो जाती है।।
