Gaurav kUmar

Drama Romance

3.0  

Gaurav kUmar

Drama Romance

गलती से हो गया 1

गलती से हो गया 1

15 mins
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 यह कहानी कोई काल्पनिक कहानी नहीं है बल्कि यह एक सच्ची घटना पर आधारित है इस कहानी का तात्पर्य किसी को दुख पहुंचाना नहीं है वरुण इस कहानी से किसी को सीख मिल सकती है इस कहानी के सभी पात्र ओरिजिनल है या कहानी गोपनीयता के लिए उन सब का नाम बदल दिया गया है चलिए अब कहानी प्रारंभ करते हैं और मुझे विश्वास है कि आप इस कहानी से कुछ ना कुछ अवश्य सीखेंगे

 यह कहानी करीब आज से 8 वर्ष पहले की है जब एक 14 वर्षीय लड़का कक्षा 8 में पढ़ता था वह अपनी पढ़ाई में व्यस्त रहता था और खाली समय में अपने मित्रों के साथ खेला करता था वह इस बात से अनजान था कि 1 दिन उसके जीवन में ऐसा भी दिन आएगा कि जब वह किसी ऐसे व्यक्ति पर भरोसा करेगा जो कि उसको धोखा दे रहा है वह स्वभाव से बहुत ही साधारण लड़का था वह जल्द ही सब पर भरोसा कर लेता था और शायद यही उसकी सबसे बड़ी गलती सिद्ध होने जा रही थी 

 वह इस बात से अनजान रहता था कि उसको किस पर विश्वास करना चाहिए और किस पर नहीं करना चाहिए वह समाज से ज्यादा परिचित नहीं था इसीलिए लोगों पर तुरंत ही भरोसा कर लेता था और उन्हें अपना समझने लगता था दूसरे छोर पर जो कहानी का दूसरा किरदार है वह एक लड़की जो कि उसके दूर की रिश्तेदार की पुत्री है वह भी इसी की वो हम उम्र है पर वह इस बात से जरा भी वाकिफ नहीं था कि उसके दूर के रिश्तेदार में कोई ऐसा रहता है जिस से मिलने के बाद वह बिल्कुल बदल जाएगा खैर यह सब तो बात की बात है कहानी में आगे क्या हुआ  आइए आगे देखते हैं।

 यह गर्मियों का दिन था और सारे विद्यालय बंद थे उस लड़के का विद्यालय भी बंद था और उसे छुट्टियों का आनंद उठाने मामा के यहां जाना था पर पिताजी और माताजी के मन के हिसाब से उसे उसी गांव जाना पड़ा जहां उसके दूर के रिश्तेदार रहते थे वह अपने माता पिता के साथ बस के द्वारा उस गांव में पहुंच गया वहां पहुंचने पर वह सब से मिला और अचानक उसे वहां पर वह लड़की देखी वह भी इससे एक अच्छा छोटी में पढ़ाई करती थी और उसके भी विद्यालय में अवकाश था क्योंकि यहां गर्मियों की छुट्टी थी सभी आपस में बात कर रहे थे पर वह लड़का बैठा था और बैठे-बैठे कुछ सोच रहा था वह एकटक उसकी तरफ देखता जा  रहा था अचानक लड़की ने उसकी तरफ देखा वह घबरा गया और तुरंत ही अपनी निगाहें दूसरी तरफ कर ली उसे लगा कि कहीं वह उसे कुछ गलत ना समझ ले समय बीत गया शाम का वक्त हो गया सब खाना खाने के लिए बैठकर वह भी बैठा था जब वह खाना खाने के लिए बैठा था तब वह लड़की सभी को खाना परोसने लगी जब उसकी बारी आई तो उसने उसकी थाली में दो रोटी रखते हुए पूछा और चाहिए क्या लड़का बोला अरे नहीं नहीं इतना ही मैं पेट भर जाएगा सब खाना खा चुके और अब अपने अपने बिस्तर पर जाकर लेट गए लड़का भी सो गया जब सुबह हुई और लडका जब जागा तो उसने देखा कि वह लड़की झाड़ू लगा रही है और उसके बाल उसके चेहरे पर आ रहे हैं।

वह यह सब देख कर मन ही मन खुश हो रहा था और वह अपने आप से बातें करने लगा कि काश हमारी दोस्ती हो जाती वह उसे पसंद करने लगा था पर उससे कहने में डर रहा था कि कहीं उसे बुरा न लग जाए और वह अपने माता-पिता से बता देगी तो मुझे शर्मिंदगी महसूस होगी यह सब सोचकर वह यह बात अपने मन में ही दबाए बैठा रहा खैर वह दिन भी बीत गया जब दूसरी सुबह हुई फिर से उसके मन में वही ख्याल आते रहे पर वह उनको बाहर नहीं आने देता दोपहर हो गई सब ने खाना खाया और फिर जब शाम हुई फिर से खाना खाया दोनों आपस में बातें करते हैं खेलते पर लड़का उससे वह कह नहीं पाता कि वह उसे पसंद करता है ऐसे करते कई दिन बीत गए और अब लड़के के पिताजी कहने लगे कि अब हम घर चलेंगे लड़का यह सुनकर थोड़ा उदास हो गया क्योंकि वह उसके साथ खेलते खेलते काफी घुलमिल गया और उसे काफी पसंद करने लगा पर वह कर भी क्या सकता था पिताजी की आज्ञा का पालन करना उसका ही तो धर्म है खैर जब दोनों आखरी बार मिले तो लड़का उससे कुछ कह नहीं पाया और दोनों फिर से अपने अपने रस्ते होलिए

लड़का अपने माता पिता के साथ अपने घर तो पहुंच आया पर उसका मन अभी भी वहीं था वह चाह कर भी उस सब बातों को भुला नहीं पा रहा था उस लड़की के साथ उसका खेलना उससे बातें करना उसके साथ बैठना वह सब उसको बार-बार याद आती थी उसे लगता कि यह मुझे क्या हो रहा है पर वह करता भी तो क्या इस तरीके से कई दिन बीत गए और अब उसके विद्यालय खुलने का समय हो गया क्योंकि गर्मियों का छुट्टी का समय समाप्त हो चुके थे और वह विद्यालय जाने के लिए तैयार था विद्यालय गया अभी पर उसे बीच-बीच में उसकी याद जरूर आ जाती और जब वह उसको याद करता तो एक हल्की सी मुस्कान उसके चेहरे पर आ जाती शायद उसको उस लड़की से प्यार हो गया था पर वह इस बात से अनजान था ऐसे करते उसका यह वर्ष भी बीत गया और वह अपनी पढ़ाई में लीन था उसने काफी अच्छे अंको से इस बार भी परीक्षा पास की उधर लड़की भी अपनी पढ़ाई कर रही थी पर लड़के को उसकी कोई खबर नहीं थी और ना ही लड़की को क्योंकि वह दोनों एक दूसरे से काफी दूर थे गर्मियों का समय फिर से आ चुका था और विद्यालयों में अवकाश की घोषणा हो गई इस बार लड़के के मामा की शादी होनी थी गर्मी में तो वह लड़का अपने मामा के यहां अपने माता पिता के साथ पहुंच गया वहां पहुंच कर उसने यह देखा कि उस समारोह में वह लड़की भी आई हुई है यह देखते ही वह खुशी से झूम उठा और उसके पास गया उससे बातें कि वह भी उसे पहचान गई पर वह ज्यादा देर उसके पास नहीं बैठी शादी का समारोह संपन्न हुआ और जब यह सब कार्यक्रम पूर्ण हुए तब लड़का अपने पिताजी से उस लड़की के गांव जाने की अनुमति मांगने लगा वह कहने लगा कि मुझे वहां पर अच्छा लगता है और मैं वहां पर अपनी छुट्टियां बिताना चाहता हूं।

 पिताजी ने साफ इनकार कर दिया इस बात से लड़के का मन काफी दुखी हुआ यह सब उसके एक अन्य रिश्तेदार देख रहे थे वह लड़के के पास गए और बोलें क्या तुम मेरे साथ शहर चलोगे वहां तुम्हें बहुत सारी चीजें दिखाऊंगा लड़का तैयार हो गया तभी वहां पर लड़की के माता-पिता आते हैं और वह उस रिश्तेदार से कहते हैं कि आप हमारी लड़की को भी अपने साथ ले जाइए शहर में रहेगी छुट्टियां बिता आएगी और कुछ पढ़ाई भी कर लेगी उस रिश्तेदार ने कहा अच्छी बात है और जब उसने कहा कि क्या लड़की जाना चाहती है तो लड़की ने कहा जैसा पिता जी की इच्छा मुझे जाने में कोई हर्ज नहीं मैं तो शहर जाकर वहां से नई नई चीजें सीखना चाहती हूं यह सब सुनकर लड़के के अंदर एक उमंग सी बढ़ गई वह खुश हो गया अब वह दोनों उनके साथ शहर चले गए शहर पहुंचते-पहुंचते उनको शाम हो गई और जब पहुंचे जब वह रात का खाना खाकर सभी सो गए अगली सुबह जब लड़के की आंख खुली तब उसने देखा की लड़की के हाथ पर मेहंदी लगी है पर उस लड़के का ध्यान मेहंदी पर नहीं बल्कि उसके मेहंदी के बीच में लिखे उस अक्षर की ओर ध्यान ज्यादा था क्योंकि वह अक्षर लड़के के नाम के अक्षर का पहला अक्षर था यह देख कर वह भौचक्का रह गया उसने सोचा की जो बात मैं उससे कहने से डरता हूं उसमें तो उसकी भी मर्जी दिख रही है

 पर क्या यह सब हकीकत है उसने इस पर ध्यान नहीं दिया और उसे लगा की लड़की भी उससे प्यार करती है और इसी बात को पूछने के लिए वह उसके पास जाने की कोशिश करने लगा पर वह ऐसा कर ना सका रात हुई सब ने खाना खाया और सब सोने के लिए छत पर चले गए वह दोनों भी छत पर सो रहे थे किस्मत से वह दोनों एक दूसरे के बगल में ही सो रहे थे पर वह बात नहीं कर रहे थे काफी रात हो चुकी थी सभी लगभग सो चुके थे पर वह लड़का अभी भी जाग रहा था ना जाने वह कौन सी चीज है जो उसको परेशान करके रखी हुई थी दरअसल वह उससे यह पूछना चाहता था कि क्या वह भी उससे प्यार करती है पर वह तो सो रही थी इस वजह से वह उससे कुछ बात नहीं कर सका अगली सुबह जब वह उठा तो उसके मन में वही विचार आने लगा कि उसने अपने हाथों में उसके नाम का पहला अक्षर क्यों लिखा है क्या वह भी उससे प्यार करती है यह सब सोच समझकर वह अंदर से खुशी से भर जाता खैर दिन बीत गया और फिर से रात हो गई फिर सभी सो रहे थे और वह दोनों भी सो रहे थे पर वह लड़का सो नहीं रहा था बल्कि उसकी आंखें आसमान की ओर निहार रही थी और वह उस लड़की से बात करना चाहता था पर वह सो रही थी इसलिए उसने अपनी उंगलियों से उसकी आंखों के ऊपर चेहरे के ऊपर और उसके गालों के ऊपर अपनी उंगलियां फेरने लगा अचानक लड़की की आंख खुल गई उसने उसकी तरफ घूर कर देखा उसे लगा यह सबको बता देगी पर उसने ऐसा नहीं किया अगले दिन जब वह रात में फिर से सो रही थी तो उसने ऐसा फिर से किया इस बार भी लड़की ने कुछ नहीं कहा तो अगले दिन शाम को जब वह दोनो छत पर अकेले बैठे थे और सड़क की तरफ निहार रहे थे तब लड़के ने पूछा कि तुम्हारे हाथ में वह किसके नाम का पहला अक्षर है लड़की सुनकर थोड़ा सा स्तब्ध रह गई जैसा कि वह डर सा गई हो पर लड़के ने उसका हाथ पकड़ते हुए कहा क्या यह मेरा नाम है लड़की फिर भी कुछ नहीं बोली उसी तरीके बैठी रही लड़के को लगा क्या मेरा ही नाम है जो तुम बोल नहीं रही हो पर अचानक से लड़की ने उससे अपना हाथ छोड़ाया।

और व नीचे चली आई लड़के ने सोचा कि कहीं उसने कुछ गलत तो नहीं पूछ लिया जिसकी वजह से वह नाराज हो गई उस रात जब वह फिर से सो रही थी तब उसने फिर से वही सब किया जब वह उसके गाल पर अपना हाथ फेर रहा था तब उसने देखा की लड़की की आंखों से आंसू निकल रहे हैं वह समझ नहीं पाया और उन आंसुओं को पूछने लगा और उसके बाद वह सो गया अगली सुबह जब वह उठा तब वह कुछ उदास था और एकांत में जाकर बैठा था लड़की ने उसको एकांत में बैठे देखा तो उसने सोचा कि शायद वह उससे नाराज हो गया है इसलिए वह उसके पास गई और उसने बिना कुछ सोचे समझे उससे यह कह दिया हाॅ यह तुम्हारा ही नाम है ऐसा सुनते ही लड़के ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसने कहा क्या यह सच है लड़की ने कहा हां यह सच है तब लड़के ने कहा क्या तुम मुझसे प्यार करती हो तो फिर लड़की ने कहा हां मैं तुमसे प्यार करती हूं और उसने उससे पूछा क्या तुम भी मुझसे प्यार करते हो तब लड़के ने कहा हां जब मैंने तुम्हे पहली बार देखा था मुझे तुमसे प्यार हो गया था पर मैं तुमसे यह कह नहीं पा रहा था पर क्या यह सच्चाई थी या फिर उस लड़के की उदासी को दूर करने के लिए लड़की ने उससे झूठ बोला इस बात की लड़के को कोई परवाह नहीं थी लड़की के जाने के बाद उसका  मन कुछ उदास सा हो गया वह उदास क्यों हो गई क्या वह लड़के से झूठ बोलती है और बस उसकी खुशी के लिए उससे यह कह दिया है कि वह उससे प्यार करती है या फिर वह उससे सच्चा प्यार करती है दो-चार दिन बीते और उनका आपस में मिलना जुलना बढ़ गया वह अब आपस में खूब ढेर सारी बातें करते एक साथ बैठते और जब वह दोनों अकेले होते तो एक दूसरे के हाथ आपस में पकड़ कर काफी देर तक बातें करते हैं इस तरीके से वह दोनों एक दूसरे को काफी प्यार करने लगे धीरे-धीरे वह दोनों प्यार में इतना गुल गए की वह एक दूसरे को होठों पर चुंबन करने लगे यह सब उनके दोनों के बीच में अक्सर ही होने लगा दोनों एक दूसरे से बातें करने लगे कि हम एक दूसरे को हमेशा प्यार करेंगे।

1 दिन लड़के ने उससे पूछा क्या तुम मुझसे शादी करोगी तब लड़की ने कहा अभी हमारी उम्र काफी छोटी है और इधर उधर की बातों से वह इस बात को टाल देती खैर इस तरह से दिन बीते चले गए और लगभग उनकी आधी से ज्यादा गर्मी की छुट्टियां भी बीत चुकी थी एक दिन वह उन रिश्तेदार के साथ एक मंदिर में गए जहां वह दोनों भी गए थे मंदिर से वापस आने के बाद लड़के ने उस लड़की से पूछा कि तुमने भगवान से क्या मांगा तब लड़की ने कहा मैंने भगवान से यह मांगा कि भगवान सदा तुम्हें खुश रखे तुम्हें कभी कोई गम ना हो लड़की ने पूछा कि तुमने भगवान से क्या मांगा तब लड़के ने कहा कि हमारी शादी करवा दो भगवान। कुछ दिन ऐसे ही और बीत गए और अब तो छुट्टियां खत्म होने के दिन भी नजदीक आ गए थे तब एक दिन लडके के पिताजी लड़के को वापस बुलाने वहां आ जाते जब वह वापस जाने लगते तब लड़का उस लड़की से आखरी बार मिलता लड़की उसे एक कमरे में ले जाती और उससे कहती है अब तुम मुझसे कब मिलोगे लड़के ने कहा मैं हमेशा तुम्हारे दिल में रहूंगा यह सुनकर लड़की उसके होठों पर एक चुंबन दे दी थी और लड़की की आंखों से कुछ आंसू निकलने लगते लड़का उसे अपनी बाहों में भर लेता इसके बाद उस से अलविदा कहता और पिताजी के साथ अपने घर को वापस आ जाता वह दोनों एक बार फिर से एक दूसरे से दूर हो गए इसी बीच लड़की की पिताजी जी वहां आते।

और एक दिन उसको भी बुला कर अपने घर ले जाते लड़का उससे दूर था पर उसकी यादें उसको बहुत सताती पर वह उससे बात नहीं कर पाता वह दोनों फिर से अपनी अपनी पढ़ाई में व्यस्त हो गए और अपने मित्रों के साथ व्यस्त हो गए करीब 2 वर्ष बाद उन्हीं मामा के यहां फिर से एक समारोह था जहां पर वह दोनों फिर से आए इस बार लड़के ने लड़की के लिए कुछ गिफ्ट पैक करवा लिए और जब वहां पर वह उससे अकेले में मिला तब उसने उसको वह गिफ्ट दे दिया सारा समारोह संपन्न होने के बाद अगली सुबह जब सभी अपने अपने घर को जाने के लिए तैयार हो गए तब लड़का अपने पिता की आज्ञा लेकर उसके साथ उसके गांव जाने को तैयार हुआ पिताजी ने इस बार उसे इनकार नहीं किया और फिर वह उन सब के साथ उनके गांव पहुंच गया गांव पहुंचते ही अंधेरा हो गया था और सभी रास्ते के थके हुए थे और इसीलिए जल्दी सभी सो गए अगली सुबह जब लड़का उठा तब उसने देखा कि वह लड़की भी उसके बगल में सोई हुई थी सूरज निकल आया था और लड़की अभी सोई हुई थी और उसके बाल उसके चेहरे पर पड़े हुए थे लड़का उन बालों को अपने हाथों से हटाता है और जिससे उसकी नींद खुल जाती है और वह उसकी तरफ मुस्कुराकर देखने लगती है दोनों एक दूसरे को कुछ देर तक निहारते हैं और मन ही मन मुस्कुराते हैं तभी नीचे से उसकी मां उसे नीचे बुला लेती है और वह नीचे चली जाती है उसी दिन शाम को उनके घर के बगल में उनके परिवार के किसी सदस्य का जन्म दिवस समारोह होता है जिसमें शाम के वक्त सभी उस समारोह में जाते हैं पर वह लड़की वहां से अचानक अपने घर वापस आ जाती है।

यह देखकर वह लड़का भी घर वापस आता है और वह देखता है कि वह फोन पर किसी से बात कर रही है और काफी खुश है लड़का चुपचाप खड़ा रहता है और उसकी बातें सुनता रहता है जब लड़की को यह पता चलता है कि लड़का पीछे खड़ा है तो वह फोन को बंद कर देती है और चौक जाती है लड़का उससे पूछता है तुम इतनी हैरान क्यों हो गई तुम किस से बात कर रही थी जब लड़की कहती है कुछ नहीं मैं अपनी सहेली से बात कर रही थी लड़का उससे कहता है क्या तुम मुझसे कुछ छुपा रही हो तब लड़की कहती है नहीं ऐसा कुछ नहीं है फिर लड़का कहता है तो तुम मुझसे झूठ क्यों बोल रही हो मैंने तुम्हें किसी लड़के से बात करते हुए अभी सुना है इतना सुनने के बाद वह लड़की दंग रह जाती है और अपनी निगाहें नीचे झुका लेती है और उसकी आंखों में आंसू आ जाते हैं लड़का या देखकर उसके पास जाता है और उसको कहता है क्या बात है सच सच बताओ तब लड़की रोती हुई उससे कहती है हां वह किसी और से प्यार करती थी परअब नहीं करती क्योंकि अब तुमसे प्यार करने लगी है लड़का यह सुनकर चुप रहता है और उससे कहता है तुमने मुझसे झूठ क्यों बोला यह बात तुम मुझे पहले भी बता सकती थी पर लड़की कुछ नहीं बोलती और रोने लगती और रोते रोते कहती पर मैं तुमसे सच्चा प्यार करती हूं और इसीलिए मैंने उसके पास फोन लगाकर यह कह दिया कि अब मुझसे बात ना करें पर वह मुझे परेशान करता है।

लड़का उससे कहता है ठीक है मैं उससे बात कर लूंगा पर लड़की मना कर देती है कहती है तुम रहने दो और इसके बाद लड़का अपने हाथों से उसके आंसू पूछता है फिर दोनों वापस उसी समारोह में जाते हैं समारोह संपन्न होता है और सभी वापस घर को आते हैं और फिर सोते हैं अगली सुबह फिर होती है और वह दोनों फिर से जगते हैं कुछ बातें करते हैं और अपने अपने काम में व्यस्त हो जाते हैं अगली शाम जब वह दोनों आपस में मिलते हैं तो वह लड़की उसे एक कमरे में ले जाती है और उसके हाथों को पकड़कर कहती है तुम मुझ पर भरोसा तो करते हो ना तो लड़का कहता है हां मैं तुम पर भरोसा करता हूं तभी तो तुमसे प्यार करता हूं और क्या तुम मुझ पर भरोसा करती हो तब लड़की उससे कहती है हां मैं तुम पर भरोसा करती हूं और तुमसे अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करती हूं लड़का उससे कहता है क्या तुम मुझसे शादी करोगी तब लड़की उससे कहती है हां क्यों नहीं पर उसके लिए तो अभी हम छोटे हैं इस बारे में हम आगे बात करेंगे लड़का मुस्कुरा देता और दोनों आपस में प्यार करने लगते और एक दूसरे को चुंबन करने लगते ऐसा करते करते कई दिन बीत गए और फिर से उनकी छुट्टियों का अंत हो गया। अब वह एक दूसरे से फिर से अलग हो गए और अपने अपने घर पहुंच गए और फिर से अपने अपने पढ़ाई और दोस्तों के साथ घुलमिल गए पर अभी भी एक दूसरे को याद करते थे

 कहानी को आगे पढने के लिए कृपया दूसरे पार्ट यानी कि दूसरे भाग पर जाकर कहानी को पढ़ें और अपना फीडबैक अवश्य दें।

क्रमशः


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