Geeta Dhawan Luckwal

Comedy Romance

3.9  

Geeta Dhawan Luckwal

Comedy Romance

गीतों भरी कहानी

गीतों भरी कहानी

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मलय बालकनी से सावन की रिमझिम फुहार का आनंद ले रहा था तभी उसने देखा सामने पार्क में महिलाएंँ झूला झूल रहीं है और मस्ती में गा रहीं है –

पड़ गए झूले सावन रुत आई रे

सीने में हुक उठे अल्लाह दुहाई रे


उसने अपनी पत्नी को आवाज लगाकर कहा ," रिया क्या कर रही हो यहांँ आओ देखो नीचे कितना आनंद ले रही है तुम्हारी सखियांँ।तुम भी जाओ एंजॉय करो।


रिया उदास थी आज के ही दिन उसका भाई दुनिया छोड़कर चला गया था। मोबाइल में भाई की तस्वीर देख मन ही मन कहती है–


 चिट्ठी ना संदेश जाने वो कौनसा देश जहांँ तुम चले गए


उसकी आंँखे लबालब थी।मगर मलय को उदास नहीं करना चाहती थी।फटाफट आंँसू पौंछकर मलय के पास गई।

"अरे! आ गई तुम ,देखो नीचे कितना आनंद ले रहीं है तुम्हारी सखियांँ तुम भी जाओ। "


रिया ने कहा," नही़ंं मन नहीं कर रहा ।"

"क्यों!ये उदास सा चेहरा मुझे अच्छा नहीं लगता। मलय को पता था रिया क्यों उदास है वो उसे खुश देखना चाहता था ।"रिया भी अपने पति की आंँखे पढ़ गई ।वो उसकी आंँखो की देख रही थी कि मलय  प्यार से गुनगुनाने लगा

 

ऐसे न मुझे तुम देखो सीने से लगा लूंँगा

सीने से लगा लूंँगा तुम्हे दिल में छिपा लूंँगा


रिया अपने पति का यूंँ प्यार पाकर अपने भाई की यादों से निकली और गुनगुनाने लगी,


तुम जो मिल गए हो तो ये लगता है ,ये जहांँ मिल गया

एक भटके हुए राही को कारवां मिल गया।


दोनो एक दूसरे की बाहों में थे,दोनों प्यार में डूबे हुए थे की तभी डोर बेल बजी

मलय ने जाकर दरवाजा खोला'सामने एक लडकी खड़ी थीउसे देख वो घबराकर बोला ,"ततत तुम यहांँ कैसे अचानक!


उस लड़की ने चुटकी लेते हुए कहा


"क्या हुआ तेरा वादा वो कसम वो इरादा"


"कौनसा वादा ?कैसा वादा?"


"क्या!..." कहती हुई वो फिर से मुस्कुराकर गाने लगी


तुम तो धोखे बाज हो वादा करके भूल जाते हो।


मलय ने घबराकर कहा ,"क्या! क्या बोल रही हो। मैने कब तुमसे कोई वादा किया था?

क्यों मेरी जिंदगी तबाह करने में लगी हो।


"क्या! तबाह ।मैं क्यूंँ करूंँगी? मैं तो बस प्यार करूंँगी। " कहते हुए जैसे ही मलय की और बढ़ी।

 

मलय ने गुस्से में कहा जाओ यहांँ से।तभी रिया की आवाज आई ," कौन आया मलय?

किससे बातें कर रहे हो?"


"कक क कोई नहीं। मैं आ रहा हूंँ " कहते हुए उसने दरवाज़ा जोर से बन्द किया।

खुद को संँभालते हुए कमरे में गया तो देखा रिया मुस्कुरा रही थी।

"क्या हुआ तुम् इतना क्यूंँ मुस्कुरा रही हो?"


"कुछ नहीं ऐसे ही मोबाइल में जोक पढ़कर। पर तुम इतने घबराए क्यूंँ हो?"


"कुछ नहीं।"


"मलय मुझे तो कोई बात लग रही है । "


"बोला ना कुछ नहीं।" मलय चिढ़कर बोला


"ओह तो राज की बात है "


राज को राज रहने दो

जाने महफिल में फिर क्या हो

 


"अरे ऐसी कोई बात नहीं है रिया ।बैठो मैं तुम्हे सब बताता हूंँ।"

रिया उत्सुकता से सुनने बैठ गई उसके चेहरे पर मुस्कान बरकरार थी।

सुनो,कल मेरे ऑफिस एक नई लड़की आई है। तो उसने मुझसे ऑफिस से निकलते वक्त घर का पता पूछा , मैंने बता दिया । कहने लगी ,"मेरा घर आपके रास्ते में पड़ेगा छोड़ देंगे क्या?

मैन हांँ भर दी । रास्ते में उससे उसके घर का पता पूछा तो वो मुस्कुराई और कहने लगी


"मैं तो बेघर हूंँ अपने घर ले चलो"


बड़ी मुश्किल से पीछा छोड़ा उसने। ये कहकर की रोज मुझे लिफ्ट दोगे ।

मैने मजबूरी में हांँ भरी पर आज लिफ्ट नहीं दी तो बस घर पहुंँच गई।

रिया की मुस्कान अब हंँसी में बदल गई थी वो अपने पति को बाहों में भर गाने लगी

 

मेरे भोले बलम मेरे प्यारे बलम...


फिर उस लड़की का फोटो दिखा कर बोली "शी इस माय चाइल्ड हुड फ्रेंडऔर इसका नाम मुस्कान है।बहुत मस्ती खोर है ये । उसने तीन चार दिन पहले ही मुझे सब कुछ बता दिया था ।"मैने घर बुलाया तो कह रही थी आऊंँगी पर पहले तेरे पति के मजे लूंँगी। अभी भी वो बाहर ही खड़ी है ।" देखो ये मैसेज उसका।


"क्या!"

"हांँ मलय " कहती हुई वो दरवाजा खोलने गई।


और मलय के मुंँह से ये गीत निकला

लूटे कोई मन का नगर बन के मेरा साथी

कौन है वो, अपनों में कभी, ऐसा कहीं होता है

ये तो बड़ा धोखा है।


उधर दोनो सखियांँ हंँसते– हंँसते गले मिली तब तक मलय भी वहांँ आ गया

मुस्कान ने उसे देखा और आंँख मारी,मलय वैसे ही गुस्से में था उसकी तरफ देख कर बोला


आज ना छोडूंँगा तुझे दम दमा दम

तूने क्या समझा है मुझे दम दमा दम...


हंँसते- हंँसते दोनो सखियांँ लोट पोट हो गई।मलय का गुस्सा भी उनको यूंँ हंँसते देख छूमंतर हो गया।



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