एक विवाह प्रस्ताव
एक विवाह प्रस्ताव
परिचय - यह कहानी शुरू हीं होती है एक विवाह प्रस्ताव से, हालांकि इस प्रस्ताव के आने के पहले से ही दोनों ही लोग एक दूसरे से परिचित थे।
इस कहानी के वैसे तो बहुत सारे पात्र हैं लेकिन जो मुख्य पात्र हैं उनके नाम अन्नु और सोमु ।
अन्नु एक मिडिल क्लास फैमिली से संबंध रखती है जो ग्रेजुएट करके एक प्राइवेट स्कूल में अंग्रेजी एवम कम्प्यूटर की शिक्षिका का काम कर रही हैं ताकि उसकी अपनी पढ़ाई का खर्च और घर में कुछ मदद हो सके।
अन्नु के माता एक शिक्षिका हैं और - पिता अकाउंटेंट।
और वो अपने माता पिता की बड़ी संतान है।
प्लॉट -1
चलिए तब कहानी की शुरुवात करते हैं अन्नु से।
यह एक साधारण लड़की है जिसने बहुत ही कम उम्र में जिंदगी की बहुत सारे उतार चढ़ाव देखे हैं।
क्योंकि एक गरीब परिवार से संबंध रखने के कारण इसने बचपन से जीवन के सारे पहलू को बहुत ही नजदीक से देखा होता है।
अपनी पढ़ाई के साथ साथ वह स्कूल में काम भी करती है जहां वह सबकी चहीती भी है।
ना सिर्फ उसके सहकर्मी बल्कि बच्चे भी उससे बहुत प्यार करते हैं।
लेकिन प्राइवेट स्कूल में हो रहे राजनीति के कारण अन्नु अपने कार्य अनुभव से संतुष्ट नहीं होती है। अपना 100 प्रतिशत देने के बावजूद भी उसे ऐसा कुछ नहीं दिख रहा है जो वो देखना चाहती है। लेकिन क्योंकि काम करना उसकी जरूरत है और लड़की होने के कारण समाज के पैनी नज़र से खुद को सुरक्षित रखने के लिए भी वह उसी स्कूल में काम करती हैं ताकि उसके चरित्र पे कोई दाग न लगे।
इसी दौरान अन्नु के जीवन एक बड़ा ही कड़वा मोड़ आता है जो शुरू में तो बहुत अच्छा दिख रहा होता है लेकिन धीरे धीरे अन्नु के जीवन को खोखला करने लगता है। एक युवा लड़का आता है उस स्कूल में एक शिक्षक के पद पर।
वह लड़का जब भी ग्रुप में बैठता तो अपने दयनीय जीवन की कहानी सुनाता जिससे अन्नु का दिल दुखता है कि कोई इतना भी मजबूर कैसे हो सकता है।
क्योंकि वह खुद जीवन की कठिनाइयों को इतने करीब से देख चुकी होती है की उस लड़के की दुख को वह आसानी से समझ पाती है और धीरे धीरे उसके दर्द को अपना दर्द बना के जीने लगती है।
दोनों में बातें होने लगती है। एक दूसरे से अपनी अपनी बातें बाटने लगते हैं और धीरे धीरे उनमें नजदीकियां बढ़ने लगती है। अन्नु उसकी बहुत केयर करने लग जाती है लेकिन लड़का उसकी बातों को मैसेज में तो सीरियसली लेता है लेकिन सामने आने पर अनजाना दिखाता है।
एक दिन अचानक वह स्कूल से रिजाइन कर देता है और जवाब पूछने पे बताता है कि समझो तुम्हारा दोस्त मर चुका है। यह बात अन्नु को बार बार बहुत चोट पहुंचाता है। वह पुराने दर्द से तो दूर हो जाती है लेकिन नई दर्द उसके दिल पर दस्तक दे जाती है।
हर मुमकिन प्रयास करने के बाद भी अन्नु अपने दोस्त को फिर से नहीं वापस ला पाती है। वह कहती है कि मुझे तुमसे कुछ नहीं चाहिए बस इतनी इजाजत दे दो की मैं जब भी तुमसे तुम्हारा हाल जानना चाहूं तो बता दो। लेकिन इतनी सी भी अर्जी को उसके कठोर हृदय दोस्त ने नकार दिया । और तो और अन्नु से पीछा छुड़ाने के लिए उसने हर अश्लील बातों का सहारा लिया जो वो ले सकता था। इसमें गलती अन्नु की ही थी उसे किसी को भी इतनी इजाजत नहीं देनी चाहिए थी जो उसके आत्म सम्मान को छल्ली छल्ली कर दें।
लेकिन कच्ची उम्र के रिश्ते ही इतने पक्के होते हैं की छूटते ही नहीं छूटते।
लगभग एक साल लग जाते हैं उसे अपने दर्द से लड़ते हुए। फिर वह सामान्य स्थिति में आ जाती है और पहले की तरह अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने लगती है।
अब उसे उस स्कूल का कोई कोना अच्छा नहीं दिखता, हर जगह उसे अपने दोस्त की बचकानी हरकतें दिखते हैं और दर्द देते हैं। अन्नु खुद को इस दर्द से आजाद करना चाहती है जिसके लिए उसने नई नौकरी ढूंढना शुरू कर दिया।
भगवान ने भी उसका साथ दिया और और एक नए जगह से उसे इंटरव्यू के लिए कॉल आता है ।
वहां जो बंदा इंटरव्यू लेने के लिए आता है वह बहुत ही कम उम्र का दिखता है जो की मासूम भी है ।
और उसका नाम सोमु होता है।
अन्नु ने मुस्कुराते हुए सारे सवालों के जवाब दिए क्योंकि उसे उस इंटरव्यूअर से थोड़ा भी डर नहीं लगा।
बाद में उसे पता चलता है की वही उसका बॉस भी है।
अन्नु अपने नए काम को बहुत ही मन से करने लगती है। वह अपने बॉस को भी बहुत रिस्पेक्ट करती है और अपने सहकर्मियों से भी खूब मिल जुल के रहती है।
लेकिन राजनीति के पंख ने वहा भी अपने पर फैलाने शुरू कर दिए। और 2 महीने बाद लगभग 9 कार्यकर्ताओं सहित अन्नु और उसके बॉस सोमु भी नौकरी से निकाल दिए जाते हैं।
अपने भाग्य को कोसते हुए सब एक दूसरे से जुदा हो जाते हैं।
अन्नु अपने सहकर्मी को बहुत याद करती है लेकिन वह अपने बॉस को सबसे ज्यादा मिस करती है। उनके छत्रछाया में वह अनजान जगह में भी खुद को बहुत सुरक्षित महसूस करती थी। मिस्टर सोमु जैसे बॉस पता नहीं अब उसे कही मिलेंगे भी या नहीं।
