दोस्त-
दोस्त-
आज के आधुनिक युग में दोस्त शब्द जिसे इंग्लिश भाषा में हम फ्रेंड्स के नाम से जानते हैं दोस्त हमारी संस्कृति का, हमारे ख्यालों का, हमारे सुख- और दुखों का एवं हमारे जीवन का एक वह शख्स होता है जिसे हमारे जीवन में बार-बार होने वाली सभी परेशानियां, कठिनाइयां एवं हमारी सभी सुगमताओं का पूर्ण रूप से अवगत होता है|
दोस्त शब्द का सारांश भी हम देखते हैं दोस्त नाम जब भी हम सुनते हैं कहते हैं बोलते हैं हमारे जितने भी दोस्त जो बहुत करीबी होते हैं और वे सभी पुरानी कहानियां जिनसे दोस्त शब्द को प्रख्यातता मिली उसमें मुख्य रूप से हमारे भगवान श्री कृष्ण एवं श्री सुदामा जी का जीवन सारांश मुख्य हैं ।
दोस्त शब्द को वाकई में पूर्ण रूप से निभाना ,संभालने का जो कार्य किया है भगवान श्री कृष्ण श्री सुदामा जी ने किया आज भी उनके इस दोस्तान के किस्से दुनिया अनेकों प्रकार से गाती है सुनाती है और जिस प्रकार भगवान श्री कृष्ण ने श्री सुदामा जी को दो मुट्ठी चावल के बदले पूरी 2 दिशाएं भेंट करते हैं काफी प्रचलित चरण है ऐसे में इसमें हमें एक शिक्षा भी मिलती है जो हमें यह बताती है की दोस्ती कभी भी अमीरी और गरीबी को देखते हुए नहीं होती दोस्ती का मतलब यह होता है हमारी परेशानियां ,कठिनाइयां में समय पर साथ लेकर हमें कठिनाइयों से बाहर निकालने वाला वही दोस्त कहलाते हैं मैं भगवान श्री कृष्ण और सुदामा चरित्र से भलीभांति परिचित हूं मुझे उनके जीवन से दोस्त बनने दोस्ती निभाने की कला सीखने को मिली मैं भगवान श्री कृष्ण के चरणों में नतमस्तक होता हूं|
