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Neer N

Drama Romance

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Neer N

Drama Romance

दिल की बात....

दिल की बात....

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जब भी मुझे जरूरत होती है, कभी फोन नहीं उठाती। पता नहीं कहां है। अब किसको फोन करूं, किससे मदद मांगूँ। पापा को फोन किया तो बहुत डांट पड़ेगी। पापा ने पहले ही कहा था की ये एक्टिवा ठीक से नहीं चल रहा। पहले सर्विसिंग के लिए दे दो, ऐसा ना हों रास्ते में रुक जाए। मां से कहा तो वो सीधा पापा को ही फोन करेंगी, बात घूम फिर कर वहीं आ जाएगी। ये मेरी ही लापरवाही का नतीजा है मुझे पहले ही एक्टिवा सर्विस के लिए दे देनी चाहिए थी। पर अब क्या करूं। निशा भी फोन नहीं उठा रही। अंधेरा भी बढ़ता जा रहा है।

सुमी को खुद पर ही गुस्सा आ रहा था। राह चलते किसी से मदद नहीं मांग सकती। आस पास कोई रिपेयर शॉप भी नहीं दिख रही। और ये सड़क तो बड़ी जल्दी ही सुनसान सी हो जाती है।डर के मारे सुमी का बुरा हाल हो रहा था। सब लोग चले जा रहे थे । एक दो ने अपनी बाइक रोक कर पूछा, की कोई मदद चाहिए? पर सुमी उनकी शक्लें देख कर ही डर गई और नहीं कह दिया। कुछ हंसते हुए आगे बढ़ गए तो कुछ ने फबती कसी की लगता है किसी और का इंतजार है। डर और अंधेरा बढ़ता जा रहा था। सुमी लगातार फोन किए जा रही थी। पर निशा न जाने कहां थी। तभी सुमी के पास एक एक्टिवा आकर रुका। उस पर दो लड़के थे। आते ही बिना कुछ कहे अपने एक्टिवा से उतर कर सुमी के सामने खड़े हो गए। क्या हुआ, इतनी देर से यहां क्यों खड़ी हो?सुमी ने नजरें उठा कर देखा तो, वो दोनों उसी की क्लास के थे, रवि और नमन। शुरू शुरू में रवि ने सुमी से दोस्ती करने की बहुत कोशिश की पर सुमी ने कभी कोई रुचि नहीं दिखाई। बल्कि दो एक बार तो सुमी ने भरी क्लास में रवि की बेइज्जती भी की थी। Annual day, पर प्ले में सिर्फ इसलिए सुमी ने part नहीं लिया क्योंकि इस प्ले में रवि भी था। तभी रवि की आवाज से वो अपनी तंद्रा से जागी। क्या हुआ, एक्टिवा खराब हो गया है क्या?सुमी को लगा की अब रवि अपनी बेइज्जती का बदला लेगा। सुमी डर के मारे बस इतना ही कह सकी। पता नहीं क्या हुआ, अचानक एक्टिवा रुक गया। निशा भी फोन नहीं उठा रही।तभी नमन बोला, थोड़ी देर पहले हम यहां से निकले तो तुम यहां खड़ी थी। देख कर थोड़ा अटपटा लगा। अब रवि ही दोबारा यहां जान बुझ कर ले कर आया है की तुम यहां पर अभी भी हो या चली गई हो। कहीं किसी मुसीबत में तो नहीं हो, यही देखने आए थे।

तुम एक काम करो रवि तुम्हें घर छोड़ देता है। और तुम्हारा एक्टिवा मैं किसी रिपेयर शॉप पर दिखा दूंगा। कल कॉलेज में Activa ले लेना। सुमी किसी अच्छे बच्चे की तरह गर्दन हिला रही थी। नमन को सुमी के Activa के पास छोड़ कर रवि सुमी को घर छोड़ने चल पड़ा। उसने नमन को कहा मैं सुमी को छोड़ कर किसी मेकैनिक को लेकर आता हूं।

सुमी को जब रवि के ड्रॉप किया तो, सुमी को अपनी सोच पर बड़ी शर्म आ रही थी। रवि ने जब सुमी को बाय कहा तो सुमी ने थैंक यूं के साथ सॉरी भी बोला। जिसे सुन कर रवि बिना कुछ कहे वहां से चला गया।

सुमी अपराधबोध से ग्रस्त हो रही थी। तभी निशा का फोन आ गया। क्या हुआ इतनी कॉल्स , सब ठीक तो है। इतना सुनना था की सुमी की रुलाई फूट गई। और उसने सब हाल कह सुनाया। निशा ने कहा, अरे मैं मार्केट गई थी, मम्मा के साथ, फोन में चार्जिंग नहीं थी तो साइलेंट कर के चार्जिंग पर लगा कर घर में ही छोड़ गई थी।मुझे क्या पता था की तूं इतनी मुसीबत में पड़ जाएगी।

अगले दिन नमन ने एक्टिवा की चाबी सुमी को दी और कहा की पार्किंग में है तुम्हारा एक्टिवा।रवि कहीं नजर नहीं आया।शायद कॉलेज नहीं आया था।उसके बाद ही रोज वो रवि को नोटिस करने लगी। कभी कभी कोशिश भी की उससे बात करने की मगर रवि ने एक दूरी बना ली थी उससे। निशा ने भी सुमी ने कहा की रवि को तूने कुछ बुरा भला तो नहीं कहा उस दिन।सुमी ने कहा उस दिन तो कोई बात ही नहीं हुई।

कभी कभी सुमी ने नोटिस किया की जैसे रवि उसकी तरफ देख रहा है। पर सुमी के देखते ही वो नजरें झुका लेता था। इसी तरह साल गुजार गया। फेयरवेल वाले दिन रवि सुमी के पास आया और बस इतना कहा की तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो। सुमी बस थैंक यू ही कह सकी और वो चला गया। फेयरवेल में रवि और नमन ने बहुत ही अच्छा डांस किया। दोनों की परफॉर्मेंस बेस्ट थी पूरे फंक्शन में। उसके बाद सब बिछड़ गए। कॉलेज खतम, सब वही खतम हो गया।सुमी और निशा ने B.Ed करके स्कूल में अध्यापिका की job ज्वाइन कर ली। और सुमी ने पत्रआचार से आगे की पढ़ाई जारी रखी। समय बड़ी तेजी से गुजर रहा था। इसी बीच निशा की शादी तय हो गई। रजत गुड़गांव में एक कंपनी में अच्छे पोस्ट पर था। शादी से एक दिन पहले सगाई का कार्यक्रम था। सुमी को खास तौर पर बुलाया गया था। और उसको निशा के साथ रहनें की हिदायत दी गई थी। क्योंकि निशा की कोई बहन नहीं थी और दोनो पक्की सहेलियां थी तो दोनो ये ही चाहती थी की अब जितना भी टाइम है दोनो साथ रहें। बाद में तो अलग ही हो जाना है।

सगाई वाले दिन भी सुमी, निशा के साथ ही थी। सभी मेहमानों के बीच सुमी को रवि नजर आया । अरे ये यहां कैसे? सुमी सोचने लगी। बाद में पता चला की रवि, रजत की मौसी का बेटा है। सगाई और शादी में भी रवि की आंख मिचौली चलती रही। सुमी सोचने लगी सामने नहीं आता। बात भी नहीं करता। सुमी नर्वस सी हो रही थी। उसने निशा को बताया की क्या चल रहा है। रवि बस छुप कर सुमी को देख रहा होता है। जयमाला के बाद सब फेरों की तयारी करने लगे। सुमी भी कपड़े बदलने होटल के अपने कमरे में जा रही थी। तभी रवि आ गया और सुमी के साथ साथ चलने लगा। सुमी को गुस्सा तो था ही, बोली चाहते क्या हो, क्यों दो दिनों से मुझे घूर रहे हो। दिमाग ठीक है तुम्हारा।

रवि हल्का सा मुस्कुरा कर बोला इसे घूरना नहीं निहारना कहते हैं। और रही बात चाहत की तो कल भी तुम्हें चाहता था, आज भी तुम्हें ही चाहता हूं। अगर तुम्हें मंजूर हो तो निशा भाभी से कह कर बात आगे बढ़ाएं। तुमसे पहले इसलिए पूछ रहा हूं क्योंकि तुम्हारे मन में क्या है मुझे नहीं पता। अगर तुम्हारी न है तो आज के बाद ये बंदा तुम्हें नजर भी नहीं आएगा। 

और अपने बारे में बता दूं, एक अच्छी कंपनी में एक अच्छी सैलरी पर काम कर रहा हूं। मुंबई में रहता हूं। अगर तुम्हारी हां है तो मेरे मम्मा पापा रजत की शादी के बाद तुम्हारे घर रिश्ते की बात करने आएंगे।सुमी एकटक रवि की तरफ देख कर उसकी बात सुन रही थी। फिर रवि ने कहा मैडम इसको घूरना कहते है।सुमी ने शरमा कर नजरें नीचे कर ली। दो मिनट खामोशी छाई रही। सुमी को समझ नहीं आ रहा था क्या कहे, ये ही तो वो चाहती थी। और आज जब रवि ने वो ही सब खुद कह दिया तो, हां कहना कितना मुश्किल लग रहा है।

तभी रवि बोला, सुमी मैं तुम्हारे जवाब का इंतजार कर रहा हूं। अगर तुम्हारी तरफ से ना है तो भी कोई बात नही।

सुमी जोर जोर से रोने लगी। अरे सुमी, i am sorry, baba! गलती हो गई। मुझे तुमसे नहीं कहना चाहिये था ये सब !  sorry!  मैं जा रहा हूं।  Ok, fine!  मैं समझ गया। तुम मुझे नहीं चाहती।  ठीक है।  अब रोना बंद करो।  बाय मैं जा रहा हूं। और रवि मुड़ कर जाने लगा तभी सुमी बोली, पहले नहीं कह सकते थे, कितना इंतजार कराया। अगर मेरी शादी हो गई होती तो...... ये सुन कर् रवि पैर ठिठक गए और वो मुड़ कर सुमी को देखने लगा।  सुमी आंखों में आंसू लिए मुस्कुरा रही थी।  रवि ने अपनी दोनों बाहे फैला दी और सुमी आकर रवि के गले से लग गई। I love you! I love you too, सुमी ने कहा।।


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