हिमांशु द्विवेदी

Comedy

5.0  

हिमांशु द्विवेदी

Comedy

दि स्लैप डे

दि स्लैप डे

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अभी कल ही बात है, शौचालय में बैठा मैं अपने समय का सदुपयोग कर लेना चाहता था। इतिहास गवाह है शौचालय में बैठ कर आपको शौच आए ना आए, सोच मदमस्त आती है। बड़े बड़े आविष्कार शौचालय में बैठ कर ही कर लिए गए हैं।

मौका वेलेंटाइन वीक का था, चौदह फ़रवरी यानी वेलेंटाइन डे कल निकल चुका था। सोच रहा था कि अब मोपेट पर गुलाब, टेडी और चॉकलेट लेकर घूमने वाले डिलीवरी ब्वॉयज ने चैन की सांस ली होगी। आज स्लैप डे है। कितना दिलचस्प होता अगर फ्लॉवर्स, टेडी, चॉकलेट की तरह ही स्लैप डे के मौके पर थप्पड़ भी ऑनलाइन डिलीवर हो जाते। 

अब मै शौचालय में बैठे बैठे अपने ड्रीम सीक्वेंस में काफी आगे निकल चुका था। आगे गतिविधियां कुछ इस प्रकार हो रही थी:

डिलीवरी बॉय (फोन पर): "सर आपका एक ऑर्डर आया है"

मैं: "कैसा आर्डर,मैंने तो कुछ नहीं मंगवाया"

डि.बॉय: "आपका गिफ्ट है सर"

मैं(बड़बड़ाते हुए): "कैसा गिफ्ट!"

डि.बॉय: "दो थप्पड़ लेकर आया हूं सर, आकर ले जाइए"

जैसे ही मैं डिलीवरी बॉय के पास पहुंचा हर बार की तरह उसने मेरा नाम कन्फर्म किया। वो कुछ जल्दी में लग रहा था, हो भी क्यों ना, वेलेंटाइन वीक का टाइम था, ऐसे में काम तो बढ़ ही जाता है। 

मेरे नाम कन्फर्म करते ही उसने आव देखा ना ताव, दो ज़बरदस्त थप्पड़ रसीद दिए और साथ में एक ग्रीटिंग कार्ड मेरे हाथ में थमा दिया, जिसपे लिखा था: "हैप्पी स्लैप डे बेबी, तुम्हारी: *******"

थप्पड़ बेबी के बाकी ऑर्डर्स की तरह ही काफी करारे और फ्रेश थे। 

डिलीवरी बॉय: "आर्डर कैसा लगा सर, क्वालिटी तो अच्छी थी ना?"

मैं: "हां, बहुत बढ़िया। थप्पड़ भी झन्नाटेदार थे। लेकिन अपको ये ऐसे खुले आम नहीं करना चाहिए। बाकी ऑर्डर्स की तरह इसकी भी प्राइवेसी मेंटेन करनी चाहिए"

डि. बॉय(एक पेपर मेरी तरफ बढ़ते हुए): "सर इस पे साइन कर दीजिए"

मैं: "ये क्या है"

डि. बॉय: "रिसीविंग दे दीजिए सर, हमे आगे दिखाना होता है कि हमने थप्पड़ कस्टमर को जड़ दिए हैं"

मैं: "ह्मम"

डि. बॉय: "सर, अपको एक कॉल आएगा, फीडबैक दे देना सर"

मैं (गाल सहलाते हुए): "ह्म्म"

*कुछ देर बाद* 

अभी थप्पड़ की फ्रेशनेस कायम थी और लालिमा भी चेहरे पे बनी हुई थी इस बीच मेरा फोन एक बार फिर बजा। फोन उठाने पे पता चला कि ये कॉल "करारे थप्पड़ डॉट कॉम" की तरफ से फीडबैक के लिए किया गया था। सरिता मैडम कॉल पे थी।

सरिता: "सर उम्मीद है आप हमारी थप्पड़ सर्विस से सेटिस्फाई होंगे"

मैं: "ह्मम"

स: "सर थप्पड़ का असर लॉन्ग लास्टिंग तो था ना"

मैं: "ह्मम्"

स: "सर निशान जल्दी तो नहीं गया ना ?"

मैं: "नहीं नहीं, अभी निशान बढ़िया है"

स: "थैंक यू सर। आप हमारे वैल्यूएबल कस्टमर हैं, हम आपकी सर्विसेज को अपग्रेड कर रहे हैं। अगली बार से डिलीवरी बॉय सरसो के तेल में हाथ भिगोकर थप्पड़ मारेगा"

मैं: "हम्म्"

स: "सर, हमारे पास आपके लिए एक ऑफर भी है। अगर आप चौबीस घंटे के अंदर आर्डर करते हैं तो आपको दो थप्पड़ के साथ दो थप्पड़ मुफ्त दिए जाएंगे"

मैं: "मैडम मेरी एक शिकायत है"

स: "बताइए सर"

मैं: "मुझे लगता है बाकी ऑर्डर्स की तरह आपको इस आर्डर की भी प्राइवेसी मेंटेन करनी चाहिए। आपके बंदे ने मुझे खुले आम सड़क पे दो थप्पड़ जमा दिए, और ऐसा करते हुए सड़क पे हर आने जाने वाले हर बाशिंदे ने देखा। आप ही बताइए किसी थर्ड पर्सन को मै अपना आर्डर क्यों दिखाऊं"

स: "बिल्कुल सर। आपके ऑर्डर्स की प्राइवेसी मेंटेन करना हमारा फ़र्ज़ है। अगली बार से हम ध्यान रखेंगे की थप्पड़ पेलने से पहले हमारा बंदा आपको एक अलग प्राइवेट खोपचे में लेकर जाएगा"

शौचालय से बाहर आने के बाद अब मै भी "करारे थप्पड़ डॉट कॉम" पे लॉगइन करके बैठा हूं। टू प्लस टू वाली स्कीम के लिए लंबी लिस्ट भी तैयार है।


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