देशभक्ति की कहानी
देशभक्ति की कहानी
कश्मीर जो खूबसूरती के लिए जाना जाता है। वह भारत का सिरमौर अर्थात मुकुट है। वहां के लोग बेहद ही आकर्षक ढंग से रहते हैं वहां की वादियां उन सभी लोगों को एक दिव्य सुंदरता प्रदान करती है। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग होते हुए भी कुछ हिस्से पर पाकिस्तान का कब्जा है, और कुछ हिस्से पर चीन की नजर रहती है। ऐसे में वह इलाका संवेदनशील है, दुश्मन वहां हमेशा किसी न किसी घटना को अंजाम देने के लिए तत्पर रहते हैं। ऐसे में भारतीय सेना वह खुफिया एजेंसी आदि अनेक भारतीय संस्था इन सभी गतिविधियों पर नजर बनाए रखती है।
कश्मीर के घाटी इलाके में मनोरमा नाम की एक युवती रहती है।वह विश्वविद्यालय में अध्ययन करती है, एक समय की बात है उस युवती का भेंट साथ में अध्ययन करने वाले सहपाठी के भाई जफ़र से हुई। यह मुलाकात कई दिनों तक चलती रही और फिर प्रेम में बदल गया। युवती दिन प्रतिदिन उस युवक के प्रति आसक्त होती चली गई। युवक भी उस युवती को खूब प्रेम करता था और दोनों शादी करना चाहते थे।
इस प्रकार दिन – प्रतिदिन एक वर्ष बीत गए, घाटी में माहौल बदतर हो गए। वहां के युवा सैनिकों पर पत्थरबाजी करने लगे इस घटना में वह युवक भी अग्रणी भूमिका निभाने लगा। सैनिकों ने किसी प्
रकार इस घटना पर काबू पा लिया। जांच के लिए अधिकारी जुट गए, जांच के दौरान जब भारतीय सेना और अधिकारी उस युवक जफ़र तक पहुंची। जफ़र ने उन सैनिकों पर गोलियां चलाते हुए भाग निकला और भागकर मनोरमा के घर में शरण ले लिया।
मनोरमा उसके प्रेम में अंधी हो चुकी थी उसे प्रेम के अलावा कुछ अन्य सूझता नहीं था। सैनिक ने उस युवक की पहचान सार्वजनिक कर दी और उसका विज्ञापन दीवारों पर चिपकाया गया, टेलीविजन पर प्रसारण किया गया। जो भी इस युवक को पकड़ने में उसका पता बताने में मदद करेगा भारत सरकार उस को प्रोत्साहित करेगी।
मनोरमा के सामने एक तरफ देशप्रेम था तो दूसरी तरफ मानवीय प्रेम जो केवल झूठ पर आधारित था। किंतु मनोरमा का प्रेम सच्चा था। मनोरमा ने सैनिकों को बुलाकर उस युवक को गिरफ्तार करवा दिया।
युवक की पहचान पाकिस्तान से आए घुसपैठिए आतंकवादी के रूप में हुई, जो वहां की खतरनाक आतंकी संगठन से ताल्लुक रखता था। यहां बड़ी लड़ाई के लिए आया था।
मनोरमा के इस देश प्रेम को देखकर सरकार ने उसे प्रोत्साहन देने का एलान किया। जब युवक को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई तब युवती ने अपने लिए भी प्राणदंड का आग्रह किया क्योंकि मनोरमा ने निष्कपट प्रेम किया था।