ब्लेक स्पोट
ब्लेक स्पोट
एक बार एक प्रोफ़ेसर ने कक्षा में प्रवेश किया और अपने विद्यार्थियों की परीक्षा लेने का निर्णय किया। अचानक टेस्ट लेने के निर्णय के कारण विद्यार्थी चिंतित हो गए।
प्रोफ़ेसर ने सभी विद्यार्थियों को प्रश्नपत्र दिया जिसमें बहुत सारे प्रश्न लिखे हुए थे। सभी को प्रश्नपत्र देने के बाद प्रोफ़ेसर ने विद्यार्थियों से कहा कि प्रश्नपत्र को उलटा करो और उतर देने शुरू करो।
सभी विद्यार्थी अचंभित हो गए क्योंकि प्रश्नपत्र के पीछे एक भी प्रश्न नहीं था। केवल एक काले बिंदू (Black Spot) को छोड़कर पूरा पेज खाली था।
प्रोफ़ेसर ने कहा – “आप को इस पेज पर जो कुछ भी नजर आ रहा है उसके बारे में लिखो।”
विद्यार्थी कुछ समझ नहीं पा रहे थे कि उस खाली पेज के बारे में क्या लिखें!
कुछ समय बाद प्रोफ़ेसर ने सभी के उत्तर पढ़ने शुरू किए।
सभी विद्यार्थियों ने उस खाली पेज पर अंकित क
ाले बिंदू (Black Spot) के बारे में लिखा। किसी ने बिंदू (Black Dot) के आकार, तो किसी ने बिंदू की स्थिति और दिशा के बारे में लिखा।
सभी के उत्तर पढ़ने के बाद प्रोफ़ेसर ने कहा – “आज मैं आप लोगों को कोई ग्रेड या अंक नहीं देने आया हूँ बल्कि मैं आज आपको एक महत्वपूर्ण बात बताना चाहता हूँ। किसी भी विद्यार्थी ने उस पेज के सफ़ेद हिस्से के बारे में नहीं लिखा। सभी का ध्यान उस पेज पर बने छोटे से बिंदू पर था।
ऐसा ही हमारे जीवन में भी होता है – हमारे पास पूरा सफ़ेद पेज है, लेकिन हम हमेशा उस छोटे से काले बिंदू (Dark Spot) के समान छोटी-छोटी समस्याओं के बारे में सोचते रहते हैं।
ईश्वर ने हमें जीवन रुपी उपहार दिया है जिसमें हमारे पास हमेशा खुशियाँ मनाने का कोई न कोई कारण होता ही है, लेकिन फिर भी हम छोटी छोटी समस्याओं से चिंतित होते रहते हैं।