हरि शंकर गोयल

Comedy

4  

हरि शंकर गोयल

Comedy

भावी सुपर स्टार

भावी सुपर स्टार

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नारकोटिक्स वाले उसे पकड़कर ले जा रहे थे । उसने अपने हाथ से मुंह छिपाने की बहुत कोशिश की मगर मुंह ऐसे छिपता है क्या ? सैकडों कैमरे उसकी एक झलक पाने के लिए अधीर हो रहे थे । ये वाले कैमरे कितने सौभाग्यशाली थे जो उन्हें एक सुपर स्टार के नौनिहाल के दर्शन मिलने जा रहे थे । सभी कैमरों में होड़ मच रही थी । पहले मैं , पहले मैं का शोर गूंज रहा था कैमरों के बीच में । एक पुराना कैमरा अपने पोपले मुंह में हवा भरते हुए बोला "अरे बरखुरदारो , अमां हमें भी देख लेने दो उस लौंडे को । हमने तो उसके बाप को ही देखा है हकलाते हुए । मैं तो बस यह देखना चाहता हूँ कि ये लौंडा भी हकलाता है या नहीं" ? 

सभी कैमरों ने उस बूढ़े कैमरे को साइड में खिसकाते हुए कहा "हट बुढ्ढे । अब तेरा जमाना खत्म हो गया है । अब तो हम जवान लोगों का जमाना है । खाओ , पीओ , ऐश करो । मतलब खूब नॉन वेज खाओ । शराब और ड्रग्ज पीओ और लड़कियों के संग ऐश करो । आजकल ऐश की यही परिभाषा है" । आजकल बुढ्ढों का ऐसे ही सम्मान होता है ।


कैमरों की लाइट अपने होठों पर लिपिस्टिक ठीक करती हुई , मेकअप संवारती हुई , खुले खुले कपड़ों से बदन की नुमाइश करती हुई , कुछ सैक्सी पोज देते हुए उस रेले की ओर दौड़ी । बस एक ही चाह थी कि ये चिकना उन्हें एक नजर भर देख ले तो वे निहाल हो जायें । किसी स्टार पुत्र के लिए कितना चाव रहता है इनके मन में । उसके लिये ये कुछ भी करने को तैयार हो जाती हैं । बस, एक ब्रेक मिल जाये । अगर वो भी नहीं मिलता है तो भी कोई गम नहीं । स्टार पुत्र के साथ एक रात बिताना कोई कम बात है क्या ? 


मगर आज तो यह लौंडा ना तो स्माइल दे रहा है , ना कोई पोज बना रहा है । बल्कि मुंह भी छिपा रहा है । अरे भाई , मुंह क्यों छिपा रहे हो । बाप तो फख्र से कह रहा था कि काश मेरा बेटा ड्रग्ज ले , लडकियों से सैक्स करे और लड़कियों के बाप उससे उसके लौंडे की शिकायत करें । आज वो शुभ दिन आ गया है तो अब मुंह क्यों छिपा रहे हो भैया । अपने बाप के सामने सीना तानकर फख्र से कहो कि "बापू , मैंने ड्रग्ज ले ली है । लड़कियों के संग तो मैं बहुत पहले से वह सब कर रहा हूँ जैसा आप चाहते थे । मगर उन लडकियों के बाप ऐसे कमीने निकले कि शिकायत ही नहीं करते आपसे । बाकी , मैंने कसर कुछ नहीं छोड़ी है । जमकर ऐश किये हैं हर लड़की के साथ । आखिर बेटा भी तो आपका ही हूँ ना । आपकी ख्वाहिश पूरी करना मेरा कर्तव्य है, बापू । आशीर्वाद दीजिए अपने नौनिहाल को कि इससे भी बढ़ चढकर और महान कार्य करूँ" । 


आज उसका बाप बहुत खुश है कि आखिर उसका लौंडा उसके सपने पूरे कर रहा है । आज देश की जनता भी बहुत खुश है कि आखिर इतना रुपया , समय खर्च करके उस की फिल्में देख देखकर जिसे सुपर स्टार बनाया था उसका लौंडा कितने श्रेष्ठ कार्य कर रहा है । आज जनता धन्य हो गई । यही सब तो देखना चाहती है एक सुपर स्टार में । किसी दारू पार्टी , ड्रग्ज पार्टी से धुत होकर उनका हीरो निकले , अगल बगल में चार पांच अधनंगी लौंडिया हों । वे छोरियाँ उसे धनिये की डाल पर चढ़ा दें । जोश में आकर ये लौंडा गाड़ी फुटपाथ पर चढ़ा दे । दो चार गरीब मजदूर गाड़ी से कुचल कर मर जायें । तभी तो वह सुपर स्टार बनेगा । बस, आज आधा तो बन गया है , अब किसी फुटपाथ की तलाश की जा रही है गाडी चढ़ाने के लिये । जिस दिन वह गाड़ी किसी फुटपाथ पर चढ़ा कर पांच सात लोगों की जान ले लेगा , उसी दिन से वह भी सुपर स्टार बन जायेगा । कोई "छक्का" टाइप का निर्माता निर्देशक अपनी अगली "क" नाम से शुरू होने वाली फिल्म में उसे लॉंच कर देगा । और बस, बन जायेगा सुपर स्टार । 


सभी देशवासियों को ऐसे सुपर स्टार के लिए अग्रिम बधाइयां और शुभकामनाएं । और बैठाओ इनको सिर आंखों पर लेना चाहिए।



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