बेईमान मृत्यु
बेईमान मृत्यु
भूमि विवाद के कारण लाखों लोग अपने जीवन से हाथ धो चुके हैं, धो रहे हैं, और शायद करोड़ों लोग अब भी भूमि विवाद के कारण जान गंवाने को आतुर हैं। श्याम, राहुल, अमित, अतुल चारों व्यक्ति ने एक साथ लाभ प्राप्त करने के इरादे से जमीन साझेदारी के साथ खरीदने का खाका प्रारूप तैयार किया। चारों ने बराबर बराबर रकम अपने जेब से खर्च किए।
किंतु श्याम व राहुल बड़े ही चपलता व सजगता से जमीन अपने नाम पंजीकरण करवा लिया। अमित और अतुल को भनक तक ना लगी। जब कभी अमित व अतुल जमीन के बारे में पूछताछ करने की कोशिश करते तो श्याम और राहुल यह बात कह कर टाल देते की जमीन का पंजीकरण अभी नहीं हुआ है। काफी अरसे बाद अमित और अतुल को भनक लगी कि श्याम और राहुल ने अपने नाम जमीन का पंजीकरण करवा लिया है।
इस निराशाजनक खबर को सुनकर अमित और अतुल तिलमिला उठे। वे दोनों श्याम और राहुल से इस बारे में पूछताछ करने निकल पड़े। श्याम और राहुल का सिर तब तक झुका रहा जब तक वहां से अमित और अतुल रवाना ना हो गए। उन दोनों का झुका सिर अमित और अतुल को सारी बातें साफ-सुथरे शब्दों में समझा गया।
पंचो की हाजिरी लगाई गई। लंबी लंबी बहसें, वाद-विवाद, आरोप-प्रत्यारोप, आदि विशेषणों से दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को विभूषित कर दिया। पंचों ने दोनों पक्षों की बात सुनकर सुनवाई की अगली तारीख अगले रविवार को हस्तांतरित कर दी।
पंचों की बैठक से उठने के बाद श्याम अपने स्कूटर से घर को लौट रहा था। बेईमानी की चिंता की लकीरें चेहरे पर उभर आई थी। वह सोचता हुआ अपनी स्कूटर पर अपनी चिंता की धुन में सवार होकर आगे बढ़ा जा रहा था। सहसा उसकी टक्कर ट्रक से हुई, उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।
पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में अनुभवी चिकित्सकों ने दिमागी चोट को मौत का कारण बताया। किंतु विज्ञान के ज्ञाता यानि चिकित्सक उस बेईमानी की चोट को समझने में बौने साबित हुए जिससे श्याम के प्राण पखेरू हुहे थे।