अलंग अघोरी
अलंग अघोरी
वो मनमौजी चाहता तो आज धमधमाते मुम्बई शहर में सितारों की दुनिया मे नामचीन सितारा बनकर चमक रहा होता पर उसे यह सब नामंज़ूर था, क़िस्मत ने उसे सितारा बनकर चमकने का दाव-पेंच भी सिखाया और मौका भी दिया था पर उसे यह सब माया-मोह के थपेड़े लगते थे,
वो मनमौजी अकेला रहकर खुद के लिए नही, दूसरो के लिए जीना चाहता था,
बस यही अकेलापन उसकी बर्बादी की हालत का कारण बना आखिरी ज़िम्मेदार था !