वैशाली सिंह

Inspirational Children

3.5  

वैशाली सिंह

Inspirational Children

आदर्श शिक्षक

आदर्श शिक्षक

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रमेश आज बहुत परेशान लग रहे हो, क्या बात है ?कुछ परेशानी है तुम्हें। रमेश के पिता ने उसे परेशान देखकर कहा। 

रमेश ने न में सिर हिलाते हुये कहा  "नहीं पापा बस  थोड़ा सिर दर्द है, ये कहते हुए रमेश अपने कमरे में चला गया" ।

रमेश ने भगवान के मंदिर के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना की ,कि" हे परम पिता मैं कैसे बताऊं पापा को कि मुझे एक स्मार्टफोन की जरूरत है"


एक किसान कितनी मेहनत करके दो वक़्त की खुराक जुटा पाता है ऊपर से इतने महंगे फोन की मांग करना क्या सही है ?


इस कोरोना ने हर चीज में अवरोध उत्पन्न कर दिया है अब पढ़ाई पर भी कितना प्रभाव डाला है कि पढ़ाई भी करो तो ऑनलाइन हम जैसे लोग तो इतना खर्चा कैसे उठा पाएंगे जो होगा देखते हैं भगवान।

अगले दिन ऑनलाइन कक्षा के लिये सारे शिक्षक बच्चों को नियम समझा रहे थे ।

सभी बच्चों के पास स्मार्ट फोन था सिवाय रमेश के शिक्षक ने सभी बच्चों की हाजिरी लगाई। पर रमेश को अनुपस्थित पाया।   

 शिक्षक ने रमेश के विषय में उसके मित्र श्याम से पूछा, "श्याम तुम्हें रमेश के बारे में कोई सूचना  है "।

श्याम ने शिक्षक को रमेश की परिस्थिति से अवगत कराया। 

ये सुनकर शिक्षक को भी उसकी दयनीय स्थिति के बारे में ज्ञात हुआ और उन्होंने उसके लिए हर संभव मदद करने का फैसला लिया, कि रमेश जैसे होनहार बच्चों की पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं आनी चाहिए अतः उन्होंने रमेश की स्थिति से सभी को परिचित कराया।

अगले दिन शिक्षक ने उसके माता-पिता से बातचीत की तथा रमेश के लिये एक स्मार्ट फोन के लिये सहायता करने की बात की ।

यह सुनकर रमेश के माता पिता उनका आभार प्रकट करने लगे और शिक्षक से कहा आप जैसे शिक्षक के होते हुए कोई भी होनहार छात्र आगे बढ़ सकता है। 

आप जैसे शिक्षकों से ही इस विद्यालय की शोभा है हम आपका किन शब्दों में धन्यवाद करें मान्यवर इतना कहते ही उसके पिता की आँखों मे आँसू छलछला गए।

शिक्षक ने उनको ढाँढस बँधाया अथवा कहा रमेश की पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आएगी आप हिम्मत रखिए। 

ये सुनकर रमेश के माता पिता ने शिक्षक से विदा ली, अथवा मन ही मन उनका हृदय शिक्षक को धन्यवाद कर रहा था। 

दूसरे दिन जब रमेश को ये बात पता चली तो उसने सबसे पहले ईश्वर का धन्यवाद किया। 

परमपिता! आपका बहुत बहुत धन्यवाद की आप ने इतने अच्छे शिक्षक इस धरती पर भेजे। 

रमेश आज बहुत ही खुश था। उसने पीछे मुड़कर देखा तो उसके शिक्षक उसके माता पिता के साथ खड़े थे और उसकी प्रार्थना सुनकर वो बहुत ही भाव विभोर हो उठे ।


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