लोग क्यों परदेस बसते, एक रोटी के लिए। लोग क्यों परदेस बसते, एक रोटी के लिए।
कुछ ऐसे भी होते हैं जो बदन पर खाल के जैसे हमेशा को रह जाते हैं ! कुछ ऐसे भी होते हैं जो बदन पर खाल के जैसे हमेशा को रह जाते हैं !
है फैलाए बाँहे खड़ा कोई शख्स नजर आ जाए। है फैलाए बाँहे खड़ा कोई शख्स नजर आ जाए।
'दूरियां दिलों मे होती हैं, अक्सर फूल क्यूँ फेंके जाते हैं। जिन्हें चाहोगे आप जितना, वो उतने ही दूर ... 'दूरियां दिलों मे होती हैं, अक्सर फूल क्यूँ फेंके जाते हैं। जिन्हें चाहोगे आप जि...
'करीब से तस्वीर को देख न सके तुम, बरसों से उस पर जमी ये गर्द निकाल दूँ। प्यार की एक उदासीभरी दास्तान... 'करीब से तस्वीर को देख न सके तुम, बरसों से उस पर जमी ये गर्द निकाल दूँ। प्यार की...
जो कुछ उलझे-बिखरे, फटे पन्नों से दिखते हैं उन्हें यादों की गठरी में बांध रख देती हूँ जो कुछ उलझे-बिखरे, फटे पन्नों से दिखते हैं उन्हें यादों की गठरी में बा...