या खुदा .....!
या खुदा .....!
या खुदा बस मुझे तेरा दर चाहिए
प्यार से सुर्खरू हर डगर चाहिए
हाथ ऊपर उठा जब दुआ मैं करूँ
हर दुआ में अजब इक असर चाहिए
सर झुकाकर के जो भी इबादत करे
उन सभी पर तेरी बस नज़र चाहिए
जिस जहाँ में परिन्दे उड़ाने भरें
उस जहाँ सा मुझे इक नगर चाहिए
एक पल को भी 'माही' जो हो ना जुदा
तेरे जैसा मुझे हमसफर चाहिए ।
