वट वृक्ष
वट वृक्ष
युग युग के साखी रहे
तमाम वटवृक्ष पुरातन
शीत. ताप और वर्षा
झेल देते रहे वो जीवन
न जाने कितनों ने छांव
ले पाई होगी खुशहाली
कोटि कोटि वधुओं ने भी
बांधी डोरी मन्नतवाली
लोटा जल भर ले पहुंचे
होंगे न जाने कितने लोग
बहुतों ने यही भुलाए होंगे
अपनों से वियोग के योग
वटवृक्ष के महत्व को सदा
से सनातन रहा है पहचान
इसीलिए अब भी हर क्षेत्र
में सुरक्षित है इसकी पहचान।
