वृक्षारोपण
वृक्षारोपण
वृक्षारोपण जीवन का आधार है
यही तो बस इस धरती का श्रृंगार है।
प्रण लो कि हम कभी पेड़ ना काटेंगे
इस धरती को प्रदूषण से बचाएंगे।
जन्मदिन पर अपने पेड़ लगाएंगे
जन -जन से की रक्षा का वचन निभाएंगे।
क्यों बनता जा रहा है मानव इतना अत्याचारी
मार रहा पैरों पर अपने आप कुल्हाड़ी।
जन-जन में अलख हमें ये जगाना है
वृक्षारोपण को हथियार बनाना है।
काट काट कर पेड़ो को अपने स्वार्थ में
झोंक दिया पूरी दुनिया को मौत के जाल में
पशु पक्षियों का भी घर बचाएंगे
जंगल में
मंगल हम मनाएंगे।
क्यों बनता जा रहा है मानव इतना अत्याचारी
मार रहा पैरों पर अपने आप कुल्हाड़ी।
जन-जन में अलग हमें ये जगाना है
वृक्षारोपण को हथियार बनाना है।
काट-काट कर पेड़ों को अपने स्वार्थ में
झोंक दिया पूरी दुनिया को मौत के जाल में।
बहुत हो गया अब तो हम ना मानेंगे
वृक्षों के भक्षक को मार भगा देंगे।
लकड़ी फल -फूल हवा और न जाने क्या क्या देते
सच्चे मित्र की भांति वो हमसे कुछ ना लेते।
प्रण लो कि हम कभी पेड़ ना काटेंगे
इस धरती को प्रदूषण से बचाएंगे।