" विराट कोहली - द रन मशीन "
" विराट कोहली - द रन मशीन "
जिसने चट्टानों को चीरा है,
अरबों में वह एक हीरा है।
विराट उसका नाम है,
मैच जिताना काम है।
रनों का है वह प्यासा,
गेंदबाज को देता है झांसा।
दिल्ली का है वो शेर,
सबको कर देता ढेर।
देश की वह आन है,
विदेशी इससे परेशान हैं।
मत लेना इससे पंगा,
वरना बहाएगा ये रन गंगा।
परिश्रम पर करता विश्वास है,
ये करोड़ों के लिए खास है।
इसके सामने सब फीके हैं,
जंग इसने कई जीते हैं ।
तकनीक है इसकी अतरंगी,
नाराज़ हैं इससे कई फिरंगी।
बच्चों का यह चहीता है,
देश के खातिर जीता है ।
बल्ले बाजी इसकी तूफानी है,
क्योंकि हर बाॅल बाउंडरी को जानी है।
नई युग के लिए है ये प्रेरणा,
बोलर्स कहते हैं "हम पर करो करुणा" ।
कप्तानी में इसकी है अलग ही बात,
अच्छों से अच्छों को इसने दी है मात।
नज़र डालिए, दोहरे शतक जनाब ने जड़े हैं सात,
जभी तो देते हैं सारे दिग्गज इसकी दांत।
साल में ICC अवार्ड्स एक साथ तीन,
इसके काॅनसिस्टेंसी पर वैज्ञानिक भी कर रहे हैं छान बीन।
सबसे ज्यादा रन एक साल में, ऐसा ये खिलाड़ी धुरंधर,
जभी तो खोदा है इन्होंने अपने ही रनों का समंदर।
अपने बीच होगी ना कोई दरार,
साथ दूंगा आपका हर बार।
आज करता वादा यह "देव" है,
दूँगा अपने "विराट" का साथ सदैव।
जो पहले से इतना संपन्न उसको मैं और क्या संवारूँ,
इसकी तारीफ में और बोलूँ ही क्या, सूरज पे टॉर्च क्या मारूं।
अंततः, मैदान पे खिलाड़ी तो ग्यारह होते पर सब अठारहवें का इंतजार करते हैं ।।।