✨वातावरण में जहर मत घोलिये✨
✨वातावरण में जहर मत घोलिये✨
वातावरण में जहर मत घोलिये।
सच को सच रहने दीजिए।
राजनीति चल रही बयार।
हो सके तो सत्य बोलिये।
बुद्धि-विवेक इस्तेमाल कीजिये।
मन-बुद्धि-चित्त से अपराध न कीजिये।
जिंदगानी का क्या भरोसा।
नफरत त्याग प्रेम से जी लीजिये।
वैसे तो प्रदर्शन का समय है।
हो सके तो वास्तविकता में जियें ।
दूसरों के दोष देखता है आदमी।
अपने आप को भी देख लीजिये।
पता नहीं कब से लहूलुहान है आदमी।
इन्हें करुणा और भाईचारे का मरहम दीजिये।।