उड़ान
उड़ान
कट गयी पतंग
टूटी डोर
हो गए सारे सपने चकनाचूर
मौसम का रुख बदला
जब दुश्मन ने किया हमला
हैरान और परेशान
थम गयी उड़ान
आया ऐसा तूफ़ान
रुक गया ख्वाबों का कारवाँ
एक कोने में पड़ी थी
सहमी सहमी डरी सी
फिर विश्वास को ठेस पहुँची
पर गिरकर था संभलना
क्योकि मन में थी तमन्ना
एक दिन आसमान को हैं छूना
जीतने की यह लड़ाई
हिम्मत उसने जुटायी
मानेगी ना हार यह कसम थी उसने खायी।