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Kavi Rahul Seth

Classics

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Kavi Rahul Seth

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तुम आओ ना

तुम आओ ना

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बाँके बिहारी आओ ना।

मुरली मनोहर आओ ना।

राधा के मोहन आओ ना।

त्रिलोक के स्वामी आओ ना।


देश भंवर में डोल रहा है

कलयुग चरम पे बोल रहा है

द्रोपदी खडी है चौराहे पर

चिर हरण तुम बचाओ ना।


बेटे मरे है सीमाओ पर

गाये कटी है सड़को पर

इन कालिया जैसे नागो का

संहार तुम कराओ ना।


कान्हा जी तुम आओ ना

मिरा के गोविंद आओ ना।

गोकुल के दुलारे आओ ना

नंद के लाला आओ ना।


हिन्दू मुस्लिम लड़ पडे है

रिस्ते - नाते टुट गये है

शकुनि जैसी इन चालो से

नैया को पार लगाओ ना।


नेता सारे ध्रतराष्ट्र बने है

सिंहासन भी मौन पडे है

हारे थके इन अर्जुनों को

गीता का ज्ञान सुनाओ ना।


माखन चोर आओ ना।

गिरधर मुरारी आओ ना।

मथुरा के राजा आओ ना।

देवकी नंदन आओ ना।


नर ही नर को मार रहा है

हर कोई भोहे तान रहा है

इन शिशुपालो की गलती पर

सुदर्शन चक्र चलाओ ना।


बूढ़ी माँ अब बोझ लगे है

बेटी गर्भ मे रोज मरे है

राहुल तुमसे विनती करे है

माँ भारती की लाज बचाओ ना।


श्रीनाथ जी तुम आओ ना।

साँवरिया जी आओ ना।

बैकुँठ निवासी आओ ना।

कृष्णा जी तुम आओ ना।


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