तलाश
तलाश
धुआँ धुआँ है हर गली,
हर रास्ते पर लाश है!
यहाँ मौत के खेल में,
ज़िंदगी की तलाश है।
दुकान लगी है ज़िंदगी की,
मौत का कोई मोल नहीं!
यहाँ कातिलों की भीड़ में,
चारागर की तलाश है।
है शर्मसार इंसानियत,
मौज में है वहशियत,
इस जहाँ में हैं सब देख चुके,
अब नए जहाँ की तलाश है।
