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deepak anantha rao

Inspirational

5.0  

deepak anantha rao

Inspirational

तिरंगा, है शान देश का

तिरंगा, है शान देश का

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देश की ये संस्कृति, जहाँ जहाँ है जागती,

वहाँ वहाँ दिलों में हम खुशहाली को ही देखती

देखो इस जहान में परंपवित्र धरती है

वो केवल एक धरित्रि हो जो भारताम्बा ही कहें।


विराट सभ्यता की मिट्टी जान से भी प्यारा है

जादू चलती है यहाँ कही भी माँ का प्यार है

कश्मीर से कन्याकुमारी तक आभिन्न अंग है सदा

यहाँ झलकती है दिल में अनेकता में एकता।


माँ तुम्ही हो सर्वदा हमारे साथ हो सदा

तो ललकारों से हम चलें टक्करों से हम लड़े

तेरे चरण की घूली को हम माथे पे लगा के वार

करके दुशमनों के नींद को उड़ा देंगे शान से।


कर रहे है जो भी हम इस पवित्र धरती के लिए

वो ओर कुछ नहीं है बल्कि ऊर्जा है तिरंगे का

सदा हमारा शान है देश का तो आन है

हिमाद्रितुंग श्रृंग से वो लहराती मिसाल है।


स्वतंत्रता का हो बयान अमर्त्य पुत्र का ही धन

देश को एक रस्सी में पिरोने वाला एक की

तिरंगा झंण्डा उड रहा है आसमान हिलोरते

कई प्रतीक हो यहाँ तिरंगों से समाया है।


शहीद की रहेगी आत्मा युग युगें ज्वलंत है

इस परम पवित्र धरती तुझ पे नाज़ करती है

भारत माँ हमेशा तेरी स्वतंत्रता बखानती

उड रहें है आसमान पे तिरंगा झंडा प्यार से।


एकता में अनेकता अहिंसा की भावना

करो मरो की नारा से जागते भारत सदा

स्वतंत्रता उसी का देन कुर्बानी का ही नाम है

सदा नमन है प्राण है ध्वजा कदर तुम्हारा है।


हे तिरंगा हे तिरंगा मुझको जागो तू सदा

हमारे खून से ही हम लम्हें सदा सजायेंगे

दिल में तू दिमाग मेरे सासों से समाया है

हाथ में लिये तिरंगा कसम प्यारा है प्राण से।


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