Mitali Vyas

Abstract

4.9  

Mitali Vyas

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थोड़ा थक गया हूं !

थोड़ा थक गया हूं !

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थोडा थक गया हूँ

दूर निकलना छोड़ दिया है

पर ऐसा नहीं है कि  

मैंने चलना छोड़ दिया है


फासले अक्सर रिश्तों में दूरी बढ़ा देते हैं 

पर ऐसा नहीं है की 

मैंने अपनों से मिलना छोड़ दिया है


हाँ ज़रा अकेला हूँ दुनिया की भीड़ में 

पर ऐसा नहीं कि

मैंने अपनापन छोड़ दिया है


याद करता हूँ अपनों को

परवाह भी है मन में 

बस, कितना करता हूँ 

ये बताना छोड़ दिया है।


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