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रेनू जैन 'अक्स'

Inspirational

4.2  

रेनू जैन 'अक्स'

Inspirational

तब एक दीप जलाना होगा

तब एक दीप जलाना होगा

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रवि-तपिश घट जाएगी,

जब अकुलाहट बढ़ जाएगी,

चन्दा से अश्रु बरसेगा,

सीना तान तिमिर पसरेगा,


निशा करेगी जब तांडव,

तब एक दीप जलाना होगा,

साँसों से सुलगाना होगा।

यथार्थ धरातल खो जाएगा,


स्वप्न सरीखा हो जाएगा,

कुंठित सत्य, अभिप्राय खोखले,

हो जाएंगे शब्द पोपले,

सारहीन, मद-मंडित चिंतन,


तब एक श्लोक सुनाना होगा,

श्रद्धा से उपजाना होगा।

जब दिशा भ्रमित हो जाएगी,

पहचान निषिद्ध हो जाएगी,


परख-प्रवाह जब होगा दूषित,

धीरज सीमित, ध्येय वर्जित,

निर्णय हो जाएंगे दुष्कर,

एक संकल्प उठाना होगा,

अन्तस् से अपनाना होगा।


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