स्वप्रेम
स्वप्रेम
मानव के लिए होता आवश्यक स्वप्रेम ,
आत्मविश्लेषण के लिए होता आवश्यक,
स्वप्रेम से मानव रहता स्वस्थ,
स्वप्रेम से मानव शरीर का विकास होता,
स्वप्रेम से मानव शरीर रहता निरोग,
स्वप्रेम से मानव अपने शरीर से प्यार करता,
स्वप्रेम से मानव सभी कार्य अच्छे से करता,
स्वप्रेम से मानव प्रत्येक कार्य सफलता पूर्वक करता,
स्वप्रेम से मानव सभी का प्रिय होता,
स्वप्रेम से मानव शिक्षा में सफल होता,
स्वप्रेम से मानव बड़ा आदमी बनता,
स्वप्रेम से वह सफल खिलाड़ी भी बनता,
स्वप्रेम से व्यक्ति नौकरी में भी सफलता प्राप्त करता,
स्वप्रेम से व्यक्ति राजनीति में भी सफलता प्राप्त करता,
स्वप्रेम व्यक्ति को प्रत्येक क्षेत्र में सफलता दिलाता,
स्वप्रेम मानव को अन्य मानवो से भी प्रेम करना सिखाता,
स्वप्रेम मानव के लिए होता आवश्यक,
स्वप्रेम आत्मविश्लेषण के लिए होता आवश्यक।
