सुन सुन सुन
सुन सुन सुन
सुन सुन सुन बात मन की तू सुन
चुन चुन चुन लक्ष्य अपना तू चुन
कर ले तू मेहनत पूरी लगन से
सपने अपने फिर हकीकत में बुन
राहें चाहें जितनी कठिन हो
कांटों से ये चाहे भरी हो
राहों से अपने काटें ले तू चुन
चुन चुन चुन काटें भी तू चुन
सुन सुन सुन..........
काम जब कोई .....हम गलत करते हैं
आवाज अंतर्मन की,हम नहीं सुनते हैं
करने से पहले..अंतर्मन की तू सुन
सुन सुन सुन अंतर्मन की तू सुन
सुन सुन सुन....
