STORYMIRROR

Vineeta Pundhir

Inspirational

3  

Vineeta Pundhir

Inspirational

सुख की घड़ी

सुख की घड़ी

1 min
57


हृदय को बड़ा चैन आया, मेहनत मेरी ये रंग लाई 

ली जो परीक्षा समय ने, अंततः सुख की घड़ी आई 


मार्ग सब खो गए थे, जीना हो रहा था दूभर 

शून्य सा मन मस्तिष्क, घोर चिंता मेरी परछाईं 


दायित्व अधूरे करने पूरे, विवश हालातों के आगे 

चलते रहे अनवरत, ना और कोई सुध दूजी छाई


अब है ये सवेरा नया, लिखेंगे हम आयाम नया 

बुलंद किया हौसला , समय ने सीख ऐसी सिखाई 


सार्थक जीवन लगता, अपनों का स्वप्न सच्चा होता 

संघर्षों का परिणाम है, अंततः सुख की घड़ी आई! 



Rate this content
Log in

More hindi poem from Vineeta Pundhir

Similar hindi poem from Inspirational