सपने
सपने
तेरी हरकत से शक है, तू कहीं मेरा साया तो नहीं...
इस डूबती कश्ती का कहीं तू भी एक मुसाफिर तो नहीं...
मेरे इस बार भी बचने से कहीं तू हैरान तो नही..
बस ये बता छेद लगाने कि साजिश में कही तेरा हाथ तो नहीं...
