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Somesh Routray

Abstract

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Somesh Routray

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शहीद

शहीद

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लिखा था जो खत मैंने वो आज लौट आया है,

भेजा था जो संदेश मैंने उसका जवाब आया है।


सबके मन बेचैन है,

धड़कन भी रुकी है।

क्योंकि वो खत सरहद से आया है।


लिखा है कुछ खत में जो एक बेटा ने भेजा है,

लढ़ा था सरहद पर उसदिन, आज उसका पैगाम आया है।


था हमारे गाँव का छोरा

आज बना है सबके आँखों का तारा 

क्योंकि वो जंग उसने जीत लिया है।


सरकारी गाड़ियां जो कल आये थे,वो लौट आये है,

तिरंगा में लिपटा एक बक्सा फ़िर से लाये है।


सारे शक यक़ीन हो चुके है,

सबके आँखें नम हो चुके है।

क्योंकि आज एक और बेटा शहीद हुआ है।


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