सच्चा साथी
सच्चा साथी
जिन रिश्तों के दम पे हमने अपनी
खुशियों का आशियाना बनाया
उन्ही रिश्तों ने हमारा तन्हाई से परिचय कराया
जब आये लुटेरे और लूट गए हर एक इट और पत्थर हमारे आशियाने की
हमने खुद को खुले आसमान के नीचे पाया
पहली बार यह ख़याल आया
की कोई और है जिसने हमेशा रिश्ता निभाया
गैरों ने हमे खुद से प्यार करना सिखाया।
