रुकना ना
रुकना ना


तू चल,तेरा रास्ता बनता जाएगा
गिरकर ही तो तु संभलना सीख पाएगा
काली अकेली गुफा में जब हौसला लेकर निकलोगे
अंधेरों में तभी तो नया मंजर देख पाएगा
कोरी अपनी किताब पर, कुछ ऐसे हर्फ तू लिख डाल
कि सदियों तक याद रहे, दी जाए जिनकी हर बार मिसाल
छोड़ कोसना हालातों को,तू उस पिंजरे से बाहर आ
थाम मांझा ,खुद होजा डोर, बन पतंग आसमां तक उड़ जा
वक्त को वक्त दे वक्त तेरा भी आएगा
मंजिल अपनी चुन ले तू रास्ता मिल जाएगा
अगर बैठा रहा सोचता तो कुछ ना कर पाएगा
वक्त तेरा आके भी हाथों से फिसल जाएगा
बिना हाथ लिए तू उठना, ठोकर कभी जो लग जाए&nbs
p;
मुश्किलें उसकी दासी गिरकर जो संभल पाए
वह रास्ता ही क्या जिस राह पर कांटे ना आए
दूर देख मंजिल खड़ी इंतजार तेरे में बाहें फैलाए
तू लड़ना हर हालात से
हर ताने से हर बात से
हार से जो हो रही, तेरी उस मुलाकात से
लड़ना अपनी किस्मत से ले अपने हक का आसमान
उड़ान की चाह में, कर दे हर आराम फना
रुकना ना तू थमना ना चाहे लाख हो मुसीबतें
गर्व करे तुझ पर खुदा, करे रहमतों की बारिशें
तू अपने खून पसीने से, नया मुकाम पाएगा
जब दौर तेरा आएगा तो दौर भी मुस्काएगा
तेरा सफर, तेरा इरादा तुझे आसमान दिलाएगा
आज का संघर्ष, कल राजा तुझे बनाएगा।