अमर जवान
अमर जवान
हमने करना था जो कर दिखाया अब आपकी बारी है,
मेर प्यारे देशवासियों हमने जान की बाजी लगा दी है।
रात हो कि दिन हो,कि हो कड़ी धूप या बर्फीली मौसम,
वक़्त मिले तो खाते - सोते,हरवक्त बस डटकर खड़े रहते है।
हमारे भी मां-बाप है, बीबी -बच्चे और नाते नाती नातिन है,
पर वतन के खातिर सबको छोड़कर हरदम चले आते हैं।
होली हो या दिवाली हम सब त्यौहार यहीं ही मनाते हैं,
अगर हो किस्मत अच्छी तभी घरवालों के साथ मनाते है।
बार-बार जब-जब दुश्मन आये हमनेउसे मार भगाया है,
देशप्रेम और देशवासियों से हरबार हमने हौसला पाया है।
कुछ तो त्याग करना होगा आपको हम बलिदान दे रहे हैं,
देश के खातिर जो भी हमें करना पड़े पीछे कभी ना हटते हैं।
अब हर घर से एक ललकार उठे भारत मां की जयजयकार उठे,
दुश्मन भी कांप उठे अब ऐसी बार-बारललकार उठे।
हर घर में जोश ही जोश हो हर घर से एक वीर उठे,
हम उठेंगे तो देश उठेगा,हम बचेंगे तो ही ये बचेगा।
अब सोचने में ही समय बर्बाद हमे ना करना है,
जो जोश उठा है दिल में उसे ठंडा होने नहीं देना है।
आओ हम सब मिलकर एक साथ चले, देशहित की ही बात करें,
भेदभाव सब मिटाकर एक दूसरे को हम अब गले लगाये।
दुनिया को नया नजारा दिखा दो,सोचउसकी बदल डालो,
भारतीय होने का गर्व जगाओ मां भारती के लाल कहेलाओ।
कारनामा ऐसा करके दिखादो, दुनिया में कोहराम मचाओ,
सदीयोंत तक याद रहे सबको, ऐसा नयाइतिहास बना दो।
गली हो या गलीयारा हो,सब जगह जयकारा हो,
हो बुढ्ढे ,बच्चे और जवान सबके मुंह से जयकारा हो।