रिश्ते
रिश्ते
रिश्ते
बड़े
अजीब
होते
हैं
जो
रिश्ते
करीब
होते
हैं
परिस्थिति
ऐसी
बनती
है
वही
रिश्ते
दूर
हो
जाते
हैं
लबादा
ओढ़े
आता
रिश्ता
अपना
असली
रूप
कभी
भी
नहीं
दिखाता
है
रिश्ता
रिश्ते
मुखौटों
के
भीतर
अपना
रूप
रखता
है।
रिश्ते
बड़े
अजीब
होते
हैं
जो
रिश्ते
करीब
होते
हैं
परिस्थिति
ऐसी
बनती
है
वही
रिश्ते
दूर
हो
जाते
हैं
लबादा
ओढ़े
आता
रिश्ता
अपना
असली
रूप
कभी
भी
नहीं
दिखाता
है
रिश्ता
रिश्ते
मुखौटों
के
भीतर
अपना
रूप
रखता
है।