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Neena Puri

Inspirational

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Neena Puri

Inspirational

प्यार

प्यार

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राखी की इतराती शोभा

उससे पूछो जो वंचित हैं

देख बहन का प्रेम निराला

करते जो विलाप चरित हैं।


भग्न अवस्था पतझर है मन

सूना सूना लगता जीवन

ऐसे में आशा का प्रलोभन

स्नेह सुधा का ज्यों आलिंगन

सजे हाथ पर राखी वो जो

किस्से कितने उसके चर्चित हैं

राखी की इतराती शोभा

उससे पूछो जो वंचित हैं।


बहन बड़ी जो हो मुझसे

जीवन सिखलाए पग पग से

औ' छोटी हो गर मुझसे

फूल करे जीवन पल पल से

ऐसा होता प्रेम वो अनुपम

ऐसी खट्टी-मीठी पिरित है

राखी की इतराती शोभा

उससे पूछो जो वंचित है।


क्रंदन का वो हास रूप है

मां का मीठा सा स्वरूप है

वो है तो जीवन अनुरुप है

न हो तो लगता कुरूप है

तर्कों की अनसुलझी दुनिया

जिसमें एक रिश्ता अमृत है

राखी की इतराती शोभा

उससे पूछो जो वंचित हैं।



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