प्रकृति
प्रकृति
तुझे भुलाया नहीं है, बस
तुझसे थोड़ा ज्यादा प्यार प्रकृति से हो गया है।
मेरे जख्मो पर मरहम लगाया जो प्रकृति ने है,
खुद को ज़ब भुलाया है, सर को गोद मे रख
सहलाया , प्रकृति ने है,
तू जो दूर था, तो मुझे गिरने से संभाला प्रकृति ने है,
तुझसे जो नज़रे हटी है, तो इन आँखों ने
नज़रो मे बसाया जिसे, वो प्रकृति है।
तेरी जगह किसी ने ली नहीं है,
बस वहा जगह बनाया प्रकृति ने है।
जब भी किसी से खफा होते है, तो
मुझे समझाया प्रकृति ने है।
जिसने गलत राह पर चलने बचाया,
वो प्रकृति है।
जीवन जीने का आधार दिया, प्रकृति ने।
